Pawan Singh Vs Jyoti Singh : पावरस्टार पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच पनपा विवाद अब सिर्फ पारिवारिक झगड़ा नहीं रहा, बल्कि राजनीति की किस्मत से होते हुए सत्ता के गलियारों में आ गया है। इस बीच बलिया निवासी रामबाबू सिंह, जो पवन के ससुर और ज्योति के पिता हैं, मंगलवार को लखनऊ पहुंचे और उनका कहना है कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर बेटी के सम्मान और न्याय की गुहार लगाएंगे। रामबाबू ने साफ कहा कि यह किसी राजनीतिक एजेंडा या स्वार्थ की मुहिम नहीं है — यह सिर्फ एक पितृत्व की लड़ाई है।
“हमारी एक ही अर्ज़ है — हमारी बेटी को सम्मान के साथ रखा जाए। जब ज्योति सुबह मेरे घर आईं, उनका इरादा सिर्फ़ बात करने का था। लेकिन पवन ने बात करने से इनकार कर दिया और पुलिस को बुलवा दिया। पुलिस पहुँच गई, बेटी को ले जाने लगी, तब उन्होंने पूछा– ‘मेरा अपराध क्या है?’ हमने कहा, हमें न्याय चाहिए। इसलिए हम मुख्यमंत्री से मिल रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को भड़काया गया है और जो लोक व्यथा उन्होंने सामने रखी है, वह उनकी स्थिति स्पष्ट करती है।
आरोप-प्रत्यारोप जारी
ज्योति ने सोशल मीडिया पर एक भावुक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने पवन सिंह पर यह आरोप लगाया कि उन्हें घर में जाने नहीं दिया गया और पुलिस बुलवाकर उन्हें रोका गया। उन्होंने कहा कि उन्हें कई तरह की असुविधा झेलनी पड़ी और उन्होंने गंभीर आरोप भी लगाए। इसके जवाब में पवन सिंह ने इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से अपनी सफाई दी।
यह भी पढ़ें : Academyy of Excellence Launches New Journalism Diploma Batch 2025
उन्होंने लिखा, “मेरे लिए जनता भगवान है। क्या मैं उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाऊंगा? कल जब आप मेरी सोसाइटी में आईं, तो मैंने ससम्मान आपको घर बुलाया और डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई। आप बार-बार कहती रहीं कि मुझे चुनाव लड़वाइए — जो मेरे अधिकार में नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस उनकी बुलावे से नहीं आई, बल्कि पहले से सुरक्षा व्यवस्था के तहत मौजूद थी, ताकि किसी तरह की अनहोनी न हो, खासकर उन लोगों से जो ज्योति के साथ आए थे।
ज्योति ने जवाब में क्या कहा ?
पवन सिंह के बयान के बाद ज्योति सिंह ने भी अपना पक्ष पेश किया। उन्होंने लिखा, “पवन सिंह जी, क्या सच है और क्या झूठ — यह जनता को जानने का अधिकार है। हम आ जाएं, आप आ जाएँ, मीडिया के सामने बैठकर अपनी-अपनी बात रखें। यह अब चारदीवारी के भीतर की बात नहीं रही।” उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव लड़ने की बात अगर होती है, तो वे पत्नी के रूप में स्वीकार की जाएँ — लेकिन सत्ता के लिए अपनों का इस्तेमाल करने में विश्वास नहीं करतीं।