कांग्रेस को मिल रहा झटके पर झटका,17 राज्यों और UTs से नहीं होगा कांग्रेस का एक भी सांसद

नई दिल्ली। हाल के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव कांग्रेस के नतीजों के रूप में बुरी खबर तो लेकर आए ही इसका असर संसद में भी कांग्रेस की शक्ति पर देखने को मिल रहा है. राज्यसभा में हाल में होने वाले चुनाव के बाद संसद के उच्च सदन में कांग्रेस की ताकत और भी कमजोर हो जाएगी. इसके अलावा कांग्रेस के लिए चिंताजनक बात यह भी है कि देश के 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उसका राज्यसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं रह जाएगा। 

इस साल मार्च के अंत में राज्यसभा में कांग्रेस के 33 सांसद थे. इसमें से 4 सांसद अपना कार्यकाल पूरा कर रिटायर हो चुके हैं. इनमें एके एंटनी, प्रताप सिंह बाजवा, शमशेर सिंह डुलो शामिल हैं. जबकि जून और जुलाई में कांग्रेस हाल के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव कांग्रेस के नतीजों के रूप में बुरी खबर तो लेकर आए ही इसका असर संसद में भी कांग्रेस की शक्ति पर देखने को मिल रहा है. राज्यसभा में हाल में होने वाले चुनाव के बाद संसद के उच्च सदन में कांग्रेस की ताकत और भी कमजोर हो जाएगी. इसके अलावा कांग्रेस के लिए चिंताजनक बात यह भी है कि देश के 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उसका राज्यसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं रह जाएगा।

इस साल मार्च के अंत में राज्यसभा में कांग्रेस के 33 सांसद थे. इसमें से 4 सांसद अपना कार्यकाल पूरा कर रिटायर हो चुके हैं. इनमें एके एंटनी, प्रताप सिंह बाजवा, शमशेर सिंह डुलो शामिल हैं. जबकि जून और जुलाई में कांग्रेस के 9 और राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. रिटायर होने वाले सांसदों में पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, आनंद शर्मा, विवेक तन्खा, और कपिल सिब्बल भी शामिल हैं।

चुनाव के बाद कांग्रेस की टैली घटकर 30 हो जाएगी. ये राज्यसभा के अब तक के इतिहास में कांग्रेस का न्यूनतम आंकड़ा होगा. कांग्रेस को उम्मीद है कि इसे डीएमके तमिलनाडु में 6 में से 1 सीट देगी. इस तरह से कांग्रेस का आंकड़ा 31 हो सकता है। 

के 9 और राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. रिटायर होने वाले सांसदों में पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, आनंद शर्मा, विवेक तन्खा, और कपिल सिब्बल भी शामिल हैं।

चुनाव के बाद कांग्रेस की टैली घटकर 30 हो जाएगी. ये राज्यसभा के अब तक के इतिहास में कांग्रेस का न्यूनतम आंकड़ा होगा. कांग्रेस को उम्मीद है कि इसे डीएमके तमिलनाडु में 6 में से 1 सीट देगी. इस तरह से कांग्रेस का आंकड़ा 31 हो सकता है। 

लेकिन कांग्रेस के लिए सबसे चिंताजनक तस्वीर उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा जैसे बड़े राज्यों से है. जहां से राज्यसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व खत्म हो जाएगा. इसके अलावा पंजाब जहां कुछ महीने पहले तक कांग्रेस की सत्ता थी अब वहां से कांग्रेस का एक भी सांसद राज्यसभा नहीं जा पाएगा. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड दिल्ली, तेलंगाना और गोवा में भी कांग्रेस का खाता शून्य रहेगा।

इसके अलावा ऐसा पहली बार होगा कि पूर्वोत्तर के 8 राज्यों से भी कांग्रेस का राज्यसभा में पत्ता साफ हो जाएगा. ये राज्य हैं. सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा.  बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह राज्यसभा से सांसद थे।

हाल के राज्यसभा चुनावों के बाद कांग्रेस के जो 30 या 31 सांसद होंगे उनमें कांग्रेस को सबसे ज्यादा सांसद राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ से होंगे, जहां पार्टी की सरकार है, राजस्थान और कर्नाटक से कांग्रेस को 5-5 सांसद मिलेंगे, जबकि छत्तीसगढ़ से 4 सांसद कांग्रेस के खाते में आएंगे. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से कांग्रेस के तीन तीन सांसद राज्यसभा जाएंगे. पश्चिम बंगाल और हरियाणा से 2-2 सांसद कांग्रेस की ओर से राज्यसभा जाएंगे. बिहार, केरल और झारखंड से कांग्रेस के एक-एक नेता राज्यसभा जाएंगे।

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