मथुरा का विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर एक बार फिर विवादों में आ गया है। इस बार विवाद मंदिर परिसर में बने प्राचीन गणेश मंदिर पर ताला लगाए जाने को लेकर है। प्रबंधन की ओर से अचानक मंदिर के द्वार बंद करने के फैसले ने भक्तों के बीच नाराजगी और असंतोष की लहर पैदा कर दी है। स्थानीय गोस्वामी समाज सहित कई श्रद्धालु इस निर्णय के विरोध में खुलकर सामने आए हैं।
जानकारी के अनुसार, प्रबंध समिति के सदस्य दिनेश गोस्वामी के आदेश पर यह कदम उठाया गया। आरोप लगाया गया है कि मंदिर पहले हमेशा आम भक्तों के लिए खुला रहता था, लेकिन अब इसके बंद होने से पूजा और दर्शन बाधित हो रहे हैं। भक्तों का कहना है कि यह उनकी आस्था पर आघात है, क्योंकि बांके बिहारी परिसर में आने वाले अधिकांश लोग सबसे पहले गणेश जी के दर्शन करते हैं।
मंदिर प्रबंधन और गोस्वामी समाज के बीच अविश्वास की भावना !
विवाद की जड़ में मंदिर प्रबंधन व गोस्वामी समाज के बीच अविश्वास की भावना भी बताई जा रही है। वहीं, हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने अपनी सफाई में कहा कि मंदिर की व्यवस्था व अनुशासन बनाए रखने और अवैध कब्जा हटाने के लिए यह फैसला लेना पड़ा। उनका दावा है कि ताले के बावजूद भक्तों को गणेश जी के दर्शन बाधित नहीं होंगे, क्योंकि व्यवस्था में कोई मूलभूत बदलाव नहीं किया गया। साथ ही, उन्होंने बताया कि समिति मंदिर व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह निर्णय इसी दिशा में उठाया गया है।
फिलहाल, ताले और विवाद के कारण बांके बिहारी मंदिर परिसर में तीखी चर्चाएं चल रही हैं। भक्त प्रबंधन से मांग कर रहे हैं कि मंदिर को फिर से खोला जाए ताकि पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यक्रम सामान्य रूप से जारी रह सकें। यह मामला स्थानीय आस्था और मंदिर प्रबंधन के बीच संवाद और संतुलन की आवश्यकता को भी उजागर करता है।
प्राचीन मंदिरों की व्यवस्थाओं पर लिए गए ऐसे फैसले लगातार समाज और प्रबंधन के बीच परस्पर संवाद व संतुलन बनाए रखने का संदेश देते हैं। अब देखना यह होगा कि प्रबंधन और भक्तजन जल्द सहमति बनाकर विवाद का समाधान निकालते हैं या यह मामला और गंभीर रुख लेता है।





