IPL Mega Auction 2025 : आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन के लिए कुल 1574 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिनमें से 574 खिलाड़ियों को ऑक्शन के लिए चुना गया। बाद में तीन और खिलाड़ियों को शामिल किया गया, जिससे कुल 577 खिलाड़ियों की लिस्ट फाइनल हुई। इस सूची में बांग्लादेश के 12 खिलाड़ी भी शामिल थे, लेकिन इस बार के ऑक्शन में एक भी बांग्लादेशी क्रिकेटर नहीं बिक सका।
ऑक्शन में किसी भी टीम ने क्यों नहीं खरीदा
बांग्लादेशी खिलाड़ियों को इस बार के ऑक्शन में किसी भी टीम ने क्यों नहीं खरीदा, इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला, बांग्लादेश के खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन आईपीएल की प्रतिस्पर्धा के मुकाबले अपेक्षाकृत कम होता है, जिससे उनकी मांग कम होती है। दूसरा, बांग्लादेशी खिलाड़ियों का आईपीएल टूर्नामेंट के दौरान कभी-कभी बीच में ही लौट जाना भी एक समस्या बन चुका है, जिससे टीमों को यह डर रहता है कि वे टूर्नामेंट के दौरान इन खिलाड़ियों पर निर्भर नहीं रह सकते। इन दोनों कारणों की वजह से बांग्लादेशी खिलाड़ियों को इस बार के मेगा ऑक्शन में कोई भी टीम नहीं खरीद सकी।
अगर आपने आईपीएल ऑक्शन देखा हो तो आप जानते होंगे कि इस बार मुंबई इंडियंस ने एक ऐसे खिलाड़ी को पिक किया, जिसे भारत ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया में शायद ही कोई जानता होगा। मुंबई इंडियंस ने न्यूजीलैंड के अनकैप्ड खिलाड़ी बेवन जैकब्स को खरीदा, जो न्यूजीलैंड की सुपर स्मैश लीग में तो खेलते हैं, लेकिन उन्हें किसी अन्य फ्रेंचाइजी या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव नहीं है। मुंबई ने उन्हें 30 लाख रुपये में खरीदा। वहीं, बांग्लादेश के खिलाड़ियों पर किसी भी टीम ने बोली नहीं लगाई।
बांग्लादेश के क्रिकेट नहीं रहा पहले वाला टैलेंट
इससे यह साफ साबित होता है कि अगर खिलाड़ी में अच्छा टैलेंट और पोटेंशियल है, और वह पाकिस्तान का पासपोर्ट नहीं रखता, तो आईपीएल टीमें उसे कहीं से भी चुन सकती हैं। बांग्लादेश के क्रिकेटरों को इस बार आईपीएल में न खरीदे जाने के पीछे दो मुख्य कारण नजर आते हैं। पहला, बांग्लादेश के क्रिकेट में अब वह टैलेंट नहीं बचा है जो आईपीएल के स्तर पर उम्मीदें पूरी कर सके। बांग्लादेश के खिलाड़ी T20 इंटरनेशनल क्रिकेट और लीग क्रिकेट में अब तक खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं, जिसके कारण आईपीएल टीमों ने उन्हें नजरअंदाज किया। इस बार ऑक्शन की फाइनल लिस्ट में बांग्लादेश के 12 खिलाड़ी थे, जिनमें से दो प्रमुख नाम मुस्तफिजुर रहमान और रिशाद हुसैन थे, लेकिन ये दोनों ही अनसोल्ड रहे।
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दूसरा महत्वपूर्ण कारण बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड का एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) देने में संकोच करना है। आईपीएल के दौरान बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड कभी-कभी अपने खिलाड़ियों को वापिस बुला लेता है, क्योंकि वह आईपीएल से बीच में ही सीरीज आयोजित कर लेता है। इससे आईपीएल टीमों को यह डर होता है कि उनके खिलाड़ी टूर्नामेंट के बीच में ही वापस लौट सकते हैं। पिछले सीजन में सीएसके के लिए मुस्तफिजुर रहमान ने अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन आईपीएल के दौरान उन्होंने बांग्लादेश टीम के लिए वापसी की, जिससे टीम को मुश्किल हुई। इसी कारण से आईपीएल टीमों ने बांग्लादेशी क्रिकेटरों को इस बार पिक नहीं किया।
अफगानिस्तान के खिलाड़ियों के लिए आईपीएल में जबरदस्त डिमांड देखने को मिली, जो बांग्लादेश के खिलाड़ियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, और उनके साथ ऐसा कोई खतरा नहीं है कि वे टूर्नामेंट के बीच में लौट जाएं।