क्या हिंदी राष्ट्रभाषा है या नहीं?, रविचंद्रन अश्विन के भड़काऊ बयान ने मचाया बवाल

भारत के पूर्व क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अपनी रिटायरमेंट की घोषणा की थी।

Ravichandran Ashwin
Ravichandran Ashwin : भारतीय क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में अपने क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया है और अब वह एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वह एक कॉलेज इवेंट में दिए गए अपने बयान के कारण विवादों में फंसे हैं। वहां उन्होंने ‘हिन्दी भाषा’ को लेकर एक ऐसा कमेंट किया, जो बड़ी बहस का कारण बन गया। स्नातक छात्रों को संबोधित करते हुए अश्विन ने कहा, “हिन्दी भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है, बल्कि यह एक आधिकारिक भाषा है।”
उन्होंने यह बात एक प्राइवेट कॉलेज इवेंट में भाषाओं के संदर्भ में की। जब उन्होंने छात्रों से पूछा कि क्या कोई हिन्दी में सवाल पूछना चाहता है, तो उनका जवाब चौंकाने वाला था। अश्विन ने आगे कहा, “मैं यह मानता हूं कि मुझे यह बात कहनी चाहिए, हिन्दी सिर्फ एक आधिकारिक भाषा है, राष्ट्र भाषा नहीं।” यह सच है कि हिन्दी भाषा लंबे समय से दक्षिण भारत में एक संवेदनशील मुद्दा रही है, और यह कि हिन्दी भारत की राष्ट्र भाषा नहीं है, इस पर कई बार चर्चा हो चुकी है।

रविचंद्रन अश्विन ने कही ये बात 

टीम इंडिया की कप्तानी को लेकर अपने विचार साझा करते हुए रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि वह हमेशा उस काम को करने में विश्वास रखते हैं जिसे लोग असंभव मानते हैं। उन्होंने कहा, “अगर कोई कहता है कि मैं कुछ नहीं कर सकता, तो मैं उस काम को पूरा करने की पूरी कोशिश करता हूं। लेकिन अगर कोई कहता है कि मैं वह काम कर सकता हूं, तो मुझे उसमें उतना उत्साह नहीं आता।”

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कई सालों तक टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों में शामिल रहे अश्विन ने कभी कप्तानी की जिम्मेदारी नहीं ली। उनकी कप्तानी पर यह बयान काफी अहम है, क्योंकि इससे उनका नजरिया पता चलता है कि वह किसी चुनौती के बारे में कैसे सोचते हैं। गौरतलब है कि अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अचानक संन्यास की घोषणा कर दी थी। वह आखिरी बार एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट मैच में खेलते नजर आए थे। ब्रिसबेन टेस्ट बारिश के कारण ड्रॉ होने के बाद अश्विन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संन्यास की घोषणा कर क्रिकेट जगत को चौंका दिया था।

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