Mohammed Shami : भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी के रमज़ान में रोज़ा न रखने पर बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने कड़ी टिप्पणी की और उन्हें “इस्लाम का गुनहगार” तक कह दिया। इसके बाद शमी के भाई मोहम्मद जैद ने पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तान के कई क्रिकेटर्स भी रमज़ान के दौरान रोज़ा नहीं रखते, लेकिन उन पर कोई सवाल नहीं उठाए जाते।
मोहम्मद जैद ने क्या कहा ?
मोहम्मद जैद ने कहा, “मौलाना शहाबुद्दीन को इस्लामिक किताबें पढ़ने की आवश्यकता है। वे केवल टीआरपी के लिए शमी का नाम ले रहे हैं। 2006 में पाकिस्तान टीम के खिलाड़ियों ने भी टूर्नामेंट के दौरान पानी पिया था और रोज़ा नहीं रखा था, लेकिन तब किसी ने उन पर सवाल नहीं उठाया। फिर शमी को ही क्यों निशाना बनाया जाता है?”
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इस विवाद पर शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि रोज़ा रखना एक व्यक्तिगत आस्था का मामला है और किसी को भी किसी की धार्मिक आस्था पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।
कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी ने क्या कहा ?
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी ने भी शमी का समर्थन किया और कहा, “शमी ने कोई गलती नहीं की है, वह देश के लिए खेल रहे हैं। इस्लाम में यह भी कहा गया है कि अगर कोई बीमार है या कोई जरूरी स्थिति हो, तो वह बाद में रोज़ा रख सकता है। आलोचकों के ऐसे बयान शमी के मनोबल को गिराने का काम करते हैं।” इस पूरे विवाद में अब शमी के भाई और धर्मगुरु उनके समर्थन में खड़े हुए हैं, जबकि आलोचकों को कड़ा जवाब दिया गया है।