घटना का विवरण
योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह के ड्राइवर राजवीर सिंह ने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना तब सामने आई जब राजवीर सिंह ने कई फोन कॉल्स के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया। जब मंत्री के गनर ने कमरे पर दस्तक दी और अंदर से बंद दरवाजे को तोड़कर देखा, तो राजवीर सिंह का शव फांसी के फंदे से लटकता हुआ मिला। उनके कान में हेडफोन लगा हुआ था और मोबाइल उनकी जेब में रखा हुआ था, जिससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि वे किसी से बात करते-करते फांसी के फंदे पर झूल गए।
जांच और साक्ष्य
मोबाइल के पैटर्न लॉक होने के कारण यह पता नहीं चल पाया कि वे आत्महत्या से पहले किससे बात कर रहे थे। इस बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकलवाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। राजवीर सिंह बाराबंकी के रसौली गांव के निवासी थे और कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह की गाड़ी चला रहे थे। यह गाड़ी लखनऊ के अलीगंज स्थित एक ट्रैवल एजेंसी के संचालक आनंद शुक्ला द्वारा उपलब्ध कराई गई थी।
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प्रतिक्रिया और चिंताएं
इस आत्महत्या की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है और गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस प्रकार से राजवीर ने अपने जीवन का अंत किया, वह कई अनुत्तरित प्रश्नों को जन्म देता है। अधिकारियों के मुताबिक, जांच के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आत्महत्या से जुड़े सभी संभावित कारणों की गहनता से जांच हो सके।