नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। यूपी पुलिस के ऑपरेशन क्लीन का असर अब दूसरे राज्यों में भी देखने को मिल रहा है। दिल्ली में एक सप्ताह के अंदर दो बदमाश एनकाउंटर में ढेर किए गए, तो वहीं बिहार पुलिस भी फुल एक्शन में हैं। 7 दिन के बाद बिहार एसटीएफ ने दो कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया। ताजा एनकाउंटर शुक्रवार की रात पटना के जक्कनपुर इलाके के संजय नगर रोड नंबर दस में हुआ। यहां एसटीएफ ने सारण के एक कुख्यात अपराधी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। उसकी पहचान अजय कुमार राय उर्फ काका के रूप में हुई है। वह कुख्यात सोना लुटेरा था और चंदन सोनार गिरोह का प्रमुख सदस्य था।
एनकाउंटर में अजय कुमार राय ढेर
पटना एसटीएफ को जानकारी मिली थी कुख्यात अपराधी अजय कुमार राय उर्फ काका अपने साथियों के साथ एक घर पर में मौजूद है। एसटीएफ ने तत्काल उसे घेर लिया। खुद को घिरता देख बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में अजय कुमार राय उर्फ काका मारा गया। एनकाउंटर के दौरान एसटीएफ के इंस्पेक्टर दिवाकर को भी गोली लगी उनको अस्पताल पहुंचाया गया है। मुठभेड़ के बाद एसटीएफ और पटना पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। उसके पास से पिस्टल व गोलियां बरामद की गईं हैं। जक्कनपुर थाना प्रभारी रितुराज सिंह ने मुठभेड़ में अजय राय के मारे जाने की पुष्टि की है। पुलिस के मुताबिक गैंग के अन्य सदस्य अंधेरा का फाएदा उठाते हुए फरार होने में कामयाब रहे।
29 मिनट तक चली मुठभेड
पुलिस के मुताबिक, अजय राय के विरुद्ध हरियाणा व बिहार के सारण और आरा में नौ मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे अधिक सारण में हैं। डकैती, लूट, हत्या और आर्म्स एक्ट के मामले में वह वांछित था। एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया, 29 मिनट तक चली इस मुठभेड़ के दौरान अजय के साथ रहे दो अन्य अपराधी दीवार फांद कर दाहिने तरफ के मकान की छत पर कूद गए और वहां से नीचे छलांग मारकर बाईपास की ओर भाग निकले। रात 9ः35 बजे एटीएफ और जक्कनपुर थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने फरार अपराधियों का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं मिले। भागने वालों से एक मोहम्मद बताया जाता है।
बैंक में अजय ने डाला था डाका
अजय ने पिछले वर्ष अरवल जिले में एक्सिस बैंक में डाका डाला था। वह हरियाणा में हुई बैंक लूट में भी शामिल रहा था। अजय, चंदन सोनार गिरोह को छोड़ने के बाद निरंतक गिरोह का कारिंदा रहा था। निरंतक अभी पश्चिम बंगाल की जेल में है। इसके बाद उसने निरंतक के गुर्गों को साथ लेकर खुद का गिरोह बना लिया था। पटना में ठीक छह वर्ष पूर्व यानी 13 दिसंबर 2018 रूपसपुर-दीघा नहर रोड में रात करीब नौ बजे सिपाही मुकेश सिंह की हत्या का आरोपित मुचकुंद उर्फ अभिषेक कुमार (22) एसटीएफ से मुठभेड़ में मारा गया था। तत्कालीन आइजी कुंदन कृष्णन के निर्देश पर एसटीएफ और पटना पुलिस ने कार्रवाई की थी। छह वर्ष बाद इसी दिन अजय राय के ढेर होने से अपराधियों में हड़कंप मचने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
मुठभेड में मारा गया बिहार का गैंगस्टर सरोज
बिहार और हरियाणा की क्राइम ब्रांच ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए बिहार के मोस्ट वांटेड को 29 नवंबर को मार गिराया था। मृतक की पहचान गैंगस्टर सरोज राय उर्फ कालिया के रूप में हुई थी। सरोज पर 32 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। बिहार पुलिस ने गैंगस्टर सरोज राय पर दो लाख रुपये का इनाम रखा था। सूचना पर गुरुग्राम पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ मिलकर शहर में नाकाबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कियस था। चेकिंग अभियान के दौरान गुर्जर चौकी से बाइक सवार दो युवक गुजरने लगे। पुलिस कर्मियों ने जब युवकों को रुकने का इशारा किया, तो उन्होंने पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। पुलिस की गोली लगने से गैंगस्टर सरोज राय की मौत हो गई। बदमाश के साथ एक और साथी था, जो भागने में कामयाब रहा।
एनकाउंटर में सोनू मटका ढेर
दीपावली की रात नई दिल्ली स्थित फर्श बाजार इलाके में हुए डबल मर्डर के मुख्य आरोपी अनिल उर्फ सोनू मटका पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गया। सटीक सूचना पर दिल्ली स्पेशल सेल और यूपी एसटीएफ ने बदमाश को घेरा और सरेंडर करने कहा। पर अपराधी ने फायरिंग शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। मारे गए बदमाश पर 50,000 रुपये का इनाम था। दिल्ली पुलिस के अनुसार, वह हाशिम बाबा गैंग का कुख्यात शूटर था। उसके खिलाफ यूपी और दिल्ली में लूट और हत्या के आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। यूपी के अलावा दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी। सोनू मटका ने दिल्ली में दो लोगों की हत्या कर दी थी। पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है पर बदमाश पकड़ से दूर था।
रॉकी भी एनकाउंटर में मारा गया
23 नवंबर, 2024 की आधी रात कांस्टेबल किरणपाल की हत्या के मुख्य आरोपी राघव उर्फ रॉकी को दिल्ली पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। 22 नवंबर को कांस्टेबल किरणपाल अपने साथी कांस्टेबल बनई सिंह और कांस्टेबल सुनील के साथ गोविंदपुरी थाना क्षेत्र के आर्य समाज मंदिर के पास एक पुलिस बूथ पर तैनात थे। सुबह करीब 4ः45 बजे, कांस्टेबल सुनील किसी काम से बूथ से बाहर गए थे। वापस लौटने पर उन्होंने देखा कि कांस्टेबल किरणपाल वहां नहीं हैं। उनका फोन भी नहीं लग रहा था।काफी खोजबीन के बाद कांस्टेबल किरणपाल गली नंबर 13, संत रविदास मार्ग, गोविंदपुरी के पास घायल अवस्था में मिले। उन्हें चाकू मारा गया था और वह बेहोश पड़े थे। उन्हें तुरंत मजीदिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कांस्टेबल का किया था मर्डर
जांच में पता चला कि कांस्टेबल किरणपाल पर ड्यूटी के दौरान जानलेवा हमला हुआ था। इस मामले में एफआईआर नंबर 603/2024 दर्ज की गई। पुलिस ने जांच शुरू की और मुख्य संदिग्ध राघव उर्फ रॉकी की तलाश शुरू कर दी। 23 नवंबर, 2024 की देर शाम पुलिस को सूचना मिली कि रॉकी संगम विहार के डी ब्लॉक में छिपा हुआ है। स्पेशल सेल और नारकोटिक्स सेल की एक संयुक्त टीम ने इलाके को घेर लिया। पुलिस टीम ने रॉकी को पहचान लिया। उन्होंने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में रॉकी मारा गया। पुलिस ने घटनास्थल से रॉकी के पास से एक .32 बोर की पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस बरामद किए हैं।
बदमाश बादल को मुठभेड़ में किया ढेर
कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर जिले में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान एक कुख्यात बदमाश को ढेर कर दिया। मारे गए अपराधी का नाम अजयवीर उर्फ बादल था। मुठभेड़ मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना इलाके में हुई है। मृतक बदमाश अजयवीर उर्फ बादल पर 20 से ज्यादा संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। यूपी और उत्तराखंड में भी अजयवीर कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम दें चुका था। अजयवीर उर्फ बादल मुजफ्फरनगर के जानसठ बसायच गांव का रहने वाला था और उस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था। ये मुठभेड़ मंगलवार दोपहर को हुई थी। पुलिस मुठभेड़ में मारा गया अजय वीर उर्फ बादल डकैतों के एक बड़े गिरोह विनोद गड़रिया गैंग का सदस्य था।