Ghazipur: मनोज राय हत्याकांड: एक अद्भुत और अंधविश्वासपूर्ण घटना

मनोज राय हत्याकांड, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में हुई एक अद्भुत और अंधविश्वासपूर्ण घटना है। इस घटना की धूप ने न केवल तापमान बढ़ाया, बल्कि उसकी अद्वितीयता भी ध्यान खींची।

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Ghazipur:15 जुलाई 2001 को उसरी चट्टी हत्याकांड हुआ था, जिसमें मनोज राय की भी हत्या हो गई थी। उस समय मनोज राय को भी मुख्तार अंसारी ने हमलावरों में शामिल बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद बीते वर्षों में घटित घटनाओं की जांच के बाद, जुलाई 2023 में मुख्तार अंसारी और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

कब दर्ज हुआ केस?

मनोज राय के पिता ने अपने पुत्र की हत्या बताते हुए जुलाई 2023 में मुख्तार अंसारी और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराई। पुलिस की चार्जशीट में मृतक मनोज राय के पिता ने मुख्तार अंसारी के साथ सरफराज मुन्नी, अफरोज उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा के साथ दस लोगों को नामजद किया था। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है जबकि दो अभियुक्त पहले से ही सरकारी अभिलेखों में भगोड़े घोषित किए जा चुके हैं ।

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कब है अगली सुनवाई?

गाजीपुर की अदालत में दो दशक से अधिक समय से चल रहे मनोज राय हत्याकांड की सुनवाई में एक नया अध्याय जुड़ गया है। इस ऐतिहासिक मामले में, जिसमें मुख्तार अंसारी सहित चार आरोपियों पर गंभीर आरोप लगे हैं, अब अगली सुनवाई की तिथि 30 मार्च को निर्धारित की गई है। इस दिन, न्यायालय आरोपियों के खिलाफ प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों की जिरह को सुनेगा। इस मामले की गहनता और इसके व्यापक प्रभाव को देखते हुए, न्यायिक प्रक्रिया की गति और सटीकता पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

अभी कहाँ बंद है अंसारी?

मुख्तार अंसारी को हाल ही में एक 36 साल पुराने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, और वह वर्तमान में बांदा जेल में बंद हैं। इसके अलावा, उन्हें अन्य मामलों में भी सजा हो चुकी है, और उन पर कई और मामले चल रहे हैं।

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