Hisar Crime: हरियाणा के हांसी के गढ़ी अजीमा गांव में एक सामान्य सीएससी सेंटर चलाने वाला 40 वर्षीय सोमनाथ दिखने में भले ही एक मासूम विकलांग व्यक्ति लगता था, लेकिन असल में वह एक क्रूर बाल यौन शोषक था। 3 जून को सीबीआई ने उसे गिरफ्तार किया, जिस पर नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार, उनकी वीडियो बनाने और पोर्न साइट्स पर डालने के आरोप हैं। सोमनाथ, जो पोलियो से पीड़ित था और बचपन से ही चलने-फिरने में असमर्थ था, अपनी दुकान पर बच्चों को चॉकलेट देकर लुभाता था। वहां वह उनका यौन शोषण करता, वीडियो बनाता और फिर उन्हें ब्लैकमेल करके चुप रहने को मजबूर करता था। सीबीआई ने इंटरपोल की मदद से उसके अपराधों का पता लगाया, जिससे एक ऐसे दरिंदे का चेहरा सामने आया, जिसने अपनी विकलांगता का फायदा उठाकर सालों तक समाज की आंखों में धूल झोंकी।
शैतान जिसे कोई नहीं पहचान पाया
सोमनाथ का टेढ़ा चेहरा और लाचारी भरा व्यवहार उसकी असली हकीकत छुपाए हुए था। पोलियो के कारण वह चलने में असमर्थ था, लेकिन उसने अपनी इसी कमजोरी को अपने शिकार पर काबू पाने के लिए इस्तेमाल किया। उसका सीएससी सेंटर,Hisar जहां लोग आधार कार्ड बनवाने और बिल भरने आते थे, वहीं पीछे के कमरे में वह बच्चियों के साथ अमानवीय जुल्म करता था। पड़ोसी उसे “शांत और अकेला रहने वाला” समझते थे, लेकिन कोई नहीं जानता था कि उसके फोन और लैपटॉप में नाबालिगों के साथ दरिंदगी के वीडियो भरे पड़े हैं।
शिकार करने की तरकीबें
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लालच देकर फंसाना: बच्चियों को चॉकलेट, टॉफी देकर अपनी दुकान पर बुलाता था।
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वीडियो बनाकर ब्लैकमेल: शोषण के वीडियो बनाकर पीड़ितों को डराता था कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो वह वीडियो लीक कर देगा।
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डार्क वेब पर बेचना: कुछ वीडियो को विदेशी पोर्न साइट्स पर बेचता था, जहां से उसे पैसे मिलते थे।
सीबीआई ने कैसे पकड़ा?
सोमनाथ सालों तक पुलिस की नजरों से बचता रहा, लेकिन गूगल और इंटरपोल की मदद से सीबीआई ने उसके आईपी एड्रेस का पता लगाया। ऑपरेशन हॉक के तहत, सीबीआई ने उसके Hisar घर पर छापा मारकर उसके कंप्यूटर और मोबाइल जब्त किए, जिनमें सैकड़ों आपत्तिजनक वीडियो मिले।
गांव वाले हैरान, पुलिस ने क्यों नहीं की कार्रवाई?
गांव के लोग सोमनाथ को एक “भोला-भाला विकलांग” समझते थे, लेकिन अब उसकी दुकान को गिराने की मांग कर रहे हैं। हिसार पुलिस का कहना है कि उन्हें इसकी कोई शिकायत नहीं मिली थी, लेकिन सवाल यह है कि क्या विकलांगता के कारण उस पर शक ही नहीं किया गया?
आगे क्या?
सीबीआई अब उसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की जांच कर रही है। यह मामला एक बार फिर यह याद दिलाता है कि बाल यौन शोषण कहीं भी, किसी के भी रूप में हो सकता है—और हमें हमेशा सतर्क रहना होगा।
यह मामला पॉक्सो एक्ट, भारतीय न्याय संहिता (BNS) धारा 69 (बलात्कार) और आईटी एक्ट की धारा 67B (CSAM) के तहत दर्ज किया गया है।
अगर आपको किसी बच्चे के साथ हो रहे यौन शोषण की जानकारी है, तो राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें।