नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। Jalgaon train accident latest news जलगांव के पचोरा इलाके में बुधवार को बड़ा रेल हादसा हुआ। मुम्बई से यूपी आ रही पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैली। जिसके कारण यात्रियों ने चलती ट्रेन से छलांग लगा दी। दूसरी पटरी पर आ रही रेल की चपेट में आने से 13 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई। पुष्पक ट्रेन में नेपाल की रहने वाली कमला भंडारी भी सवार थीं और उनकी भी हादसे में जान चली गई। कमला की मौत की जानकारी मिलने पर उनके पुत्र तपेंद्र घटनास्थल पर पहुंचे। पत्थरों के बीच मां को खोजते रहे और यही कहते सुनाई दिए कि साहब मेरी मां मरी नहीं बल्कि जिंदा हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, यूपी की राजधानी लखनऊ से पुष्पक एक्सप्रेस मुम्बई के लिए रवाना हुई। ट्रेन से जैसे ही जलगांव के पास पहुंची, तभी किसी ने आग लगने की अफवाह फैला दी। आग की बात सुन बोगी में बैठे यात्री खौफजदा हो गए और चलती ट्रेन से छलांग लगानी शुरू कर दी। तभी दूसरी पटरी से आ रही ट्रेन की चपेट में यात्री आ गए। जिससे 13 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं दो दर्जन से अधिक मुसाफिर घायल हो गए। सूचना पर रेलवे के अलावा पुलिस-प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल में एडमिट करवाया। मरने वालों में नेपाल की कमला भंडारी भी थीं। कमला ने भी ट्रेन से छलांग लगाई थी। जिससे वह दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गई और उनकी मौत हो गई।
लोगों ने बंधाया ढांढस
कमला भंडारी की मौत के बाद उनके बेटे तपेंद्र जलगांव पहुंचे और जैसे ही तपेंद्र घटना स्थल पर पहुंचे, उन्होंने दुख और गुस्से में अपनी कार तोड़ डाली। अपनी मां का शव देखने के बाद तपेंद्र को उनकी मौत होने का यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब दुर्घटनास्थल पर उन्होंने अपनी मां का एक कपड़ा देखा तो उनका और उनके परिवार का दुख आंखों से दरिया बनकर बह निकला। दुख में डूबे तपेंद्र उस स्थल पर पड़े पत्थरों को एकत्रित कर रहे थे जहां पर उनकी मां का कपड़ा मिला था और खून के निशान थे। वे कपड़े और रेलवे की पटरी के बीच में पड़े पत्थर, मिट्टी में अपनी मां को ढूंढते हुए दिखे। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मी और अन्य लोग उन्हें ढाढस बंधाने की कोशिश करते रहे।
ट्रेन से नहीं ले जाएंगे मां का शव
इस हादसे के बाद जिला सामान्य अस्पताल में कमला भंडारी के शव का पोस्टमार्टम किया गया। प्रशासन ने शव को ट्रेन से नेपाल भेजने की व्यवस्था की है। तपेंद्र ने कहा कि वे उसी ट्रेन से अपनी मां का शव नहीं ले जाना चाहते जिसमें यह हादसा हुआ। उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि उनकी मां के शव को एंबुलेंस या एयर एंबुलेंस से ले जाने की व्यवस्था की जाए। फिलहाल प्रशासन ने बेटे की मांग पर उनकी मां के शव को एम्बूलेंस से भेजने की व्यवस्था की है।
रेलवे स्टेशन पर खींची थी मां की तस्वीर
कमला भंडारी के बेटे तपेंद्र ने लखनऊ में अपनी मां को पुष्पक एक्सप्रेस में बिठाया था। उन्हें ट्रेन में विदा करने से पहले तपेंद्र ने रेलवे स्टेशन पर उनकी एक तस्वीर ली थी। तब तपेंद्र भंडारी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह तस्वीर उनकी मां की अंतिम तस्वीर होगी। दुर्भाग्य से वह तस्वीर उनकी मां की आखिरी तस्वीर बन गई। बेटे ने बताया कि मां से फोन पर बात हुई थी। वह मुम्बई जाने के बाद दोबारा मुझसे बात करने को कहा था, लेकिन हादसे के कारण अब वह मेरे बीच नहीं रहीं। वह हमें अनाथ करके इस दुनिया से चली गई।