Son-in-law Brutally Murdered Mother-in-law:कर्नाटक के तुमकुरु जिले के चिंपूगनहल्ली में एक दिल दहला देने वाली हत्या का खुलासा हुआ है। यहां 42 वर्षीय लक्ष्मीदेवम्मा नाम की महिला की हत्या कर उसके 19 टुकड़े कर अलग-अलग जगह फेंक दिए गए। पुलिस ने इस सनसनीखेज केस में महिला के दामाद समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
कैसे हुआ खुलासा
3 अगस्त 2025 को महिला के लापता होने की शिकायत उसके पति बासवराज ने दर्ज कराई थी। जांच में पता चला कि उसे आखिरी बार उसकी बेटी तेजस्वी के हनुमंतपुरा स्थित घर से निकलते देखा गया था। कुछ दिनों बाद पुलिस को चिंपूगनहल्ली में महिला के शव के टुकड़े मिले, लेकिन सिर गायब था। बाद में तलाशी के दौरान सिर भी बरामद हो गया।
फॉरेंसिक जांच में पता चला कि हत्या लालच में नहीं बल्कि निजी दुश्मनी के कारण की गई थी। पुलिस ने आसपास के गुमशुदा मामलों की जानकारी जुटाई और कई टीमों को जांच में लगाया।
गाड़ी से मिला सुराग
जांच में सामने आया कि घटना वाले दिन एक सफेद मारुति सुजुकी ब्रेज़ा हनुमंतपुरा से कोराटगेरे की ओर गई थी। गाड़ी पर दो अलग-अलग नंबर प्लेट लगी थीं। असली नंबर से पुलिस किसान सतीश तक पहुंची, जिसका फोन घटना वाले दिन और अगले दिन बंद था।
सूचना मिली कि 3 और 4 अगस्त को सतीश के खेत पर वही SUV खड़ी देखी गई थी। पुलिस ने सतीश को ट्रैक कर चिंगमगलुरु के पास होरानादू मंदिर में किरण नाम के एक व्यक्ति के साथ पकड़ लिया। शुरुआत में दोनों ने इनकार किया, लेकिन बाद में सच उगल दिया।
दामाद निकला मास्टरमाइंड
पता चला कि यह SUV छह महीने पहले डॉक्टर रामचंद्रैया ने खरीदी थी, लेकिन शक से बचने के लिए सतीश के नाम पर रजिस्टर करवाई। रामचंद्रैया, मृतका लक्ष्मीदेवम्मा की बेटी तेजस्वी का पति था। वह इस बात से नाराज था कि उसकी सास उसकी शादी में दखल दे रही थी और उस पर गंभीर आरोप भी लगा रही थी।
रामचंद्रैया को डर था कि उसकी सास उसका घर तोड़ देगी। उसने सतीश और किरण को हत्या के लिए चार-चार लाख रुपये देने का वादा किया और एडवांस में 50-50 हजार रुपये भी दिए। सतीश उसका पुराना मरीज था और किरण उसका चचेरा भाई।
वारदात की रात
3 अगस्त को, जब लक्ष्मीदेवम्मा बेटी के घर से लौट रही थी, रामचंद्रैया ने उसे लिफ्ट देने का बहाना बनाया। कार में पहले से सतीश और किरण बैठे थे। महिला के बैठते ही दोनों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। अगले दिन धारदार हथियार से शव को 19 हिस्सों में काटा गया और अलग-अलग जगह फेंक दिया गया।
पुलिस का बयान
एसपी अशोक केवी ने स्पष्ट किया कि इस हत्या का किसी तरह के अंधविश्वास या मानव बलि से कोई संबंध नहीं है। यह पूरी तरह से निजी रंजिश और सोची-समझी साजिश का नतीजा है।