Keshav Maurya Babur’s structure: उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पश्चिम बंगाल में ‘बाबरी मस्जिद’ के कथित निर्माण को लेकर एक तीखा अल्टीमेटम दिया है। रविवार को झांसी दौरे के दौरान, मौर्य ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि बाबर के नाम पर किसी भी ढांचे को खड़ा नहीं होने दिया जाएगा, और अगर ऐसा हुआ तो उसका अंत कर दिया जाएगा। उन्होंने इसे रामभक्तों और राष्ट्रभक्तों का अपमान बताया, और कहा कि 2026 में बंगाल में भाजपा की सरकार बनने जा रही है, जिसके बाद यह सब नहीं चलेगा।
इसके साथ ही, उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर भी करारा प्रहार करते हुए कहा कि बिहार चुनाव हारने के बाद उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है और 2047 तक सपा का विपक्ष में भी बने रहना मुश्किल होगा।
बंगाल को अल्टीमेटम: ‘बाबर’ के नाम पर विरोध और अंत
यूपी के डिप्टी सीएम Keshav Maurya ने पश्चिम बंगाल में कथित तौर पर बन रही ‘बाबरी मस्जिद’ के निर्माण पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने झांसी में मीडिया से बात करते हुए कहा, “जब अयोध्या में बाबर के नाम का असली ढांचा ढह गया, तो पश्चिम बंगाल में कोई बाबर के नाम का ढांचा बनाएगा तो उसका सिर्फ विरोध ही नहीं होगा, उसका अंत हो जाएगा।”
मौर्य ने इस निर्माण को रामभक्तों और राष्ट्रभक्तों का अपमान करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर मस्जिद बनानी है तो बना सकते हैं, लेकिन बाबर के नाम पर नहीं चलने वाली।
उन्होंने राजनीतिक रूप से भविष्यवाणी करते हुए कहा कि 2026 में पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने जा रही है, और तब ‘ये सब नहीं चलने वाला’ है।
अखिलेश यादव पर करारा प्रहार: ‘मानसिक संतुलन बिगड़ा’
डिप्टी सीएम Keshav Maurya ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सुप्रीमो अखिलेश यादव को भी अपने निशाने पर लिया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार चुनाव में हार के बाद से अखिलेश यादव का मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ है।
मौर्य ने टिप्पणी की कि 2024 के लोकसभा चुनाव में “एक्सीडेंटली” कुछ सीटें ज्यादा आ जाने के बाद अखिलेश यादव ‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ देखने लगे थे कि वे उत्तर प्रदेश की सत्ता फिर से हासिल कर लेंगे।
‘विपक्ष में भी नहीं बचेगी सपा’
Keshav Maurya ने अखिलेश यादव के बिहार चुनाव प्रचार पर तंज कसते हुए कहा कि वे ‘अवध में हराया, मगध में हराएंगे’ कहने गए थे, लेकिन बिहार की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी, नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के नेतृत्व को जोरदार समर्थन दिया, जिससे अखिलेश जी की नींद उड़ गई।
उन्होंने कहा कि अब अखिलेश यादव को यह डर सता रहा है कि 2047 तक समाजवादी पार्टी सत्ता तो दूर, विपक्ष में भी रह पाएगी या नहीं, इसलिए वे उल्टे-सीधे बयान दे रहे हैं।





