Maharashtra : बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपनी मां की हत्या करने वाले निर्दयी बेटे की फांसी की सजा को बरकरार रखा है।
यह घटना 2017 में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुई, जहां आरोपी बेटे ने अपनी मां की हत्या कर दी जब उसने शराब के लिए पैसे देने से इनकार किया। इसके बाद, उसने अपनी मां के शरीर के अंग निकालकर उन्हें नमक और मिर्च लगाकर खा लिया।
28 अगस्त 2017 को कोल्हापुर के माकडवाला वसाहत क्षेत्र में, एक बेटा अपनी 63 साल की मां से शराब पीने के लिए पैसे मांग रहा था, लेकिन मां द्वारा मना करने पर गुस्से में आकर उसने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या के बाद भी उसने अपनी जघन्यता नहीं रोकी और धारदार हथियार से अपनी मां के शव के टुकड़े करना शुरू कर दिया। उसने उसके आंतरिक अंगों को खींचकर बाहर निकाला, पहले उसका मस्तिष्क निकाला, फिर चाकू से दिल बाहर निकाला, और इसके बाद क्रमशः उसका जिगर, किडनी और आंतें भी निकाल लीं।
केस को देख हाई कोर्ट भी हैरान
आरोपी बेटे ने अपनी मां के दिल, दिमाग, जिगर और किडनी को कढ़ाई में डालकर नमक और मिर्च के साथ पकाना शुरू कर दिया। यह दृश्य देखकर पड़ोसियों का दिल दहल गया और उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
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इस निर्दयी बेटे का नाम सुनील कुचकोरवी है, जिसने अपनी मां यल्लामा रामा कुचकोरवी की बेरहमी से हत्या की थी। साल 2021 में स्थानीय अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई, जिसके खिलाफ उसने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लगभग तीन साल की सुनवाई के बाद, बॉम्बे हाईकोर्ट ने 1 अक्टूबर को कोल्हापुर की अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए इस मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस’ करार दिया।