Sucide case: थाना प्रभारी की मौत की जांच में मीनाक्षी और उसके परिवार का पर्दाफाश, कौन से नए राज आए सामने

कुठौंद थाना प्रभारी की मौत के बाद महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा के खिलाफ कई नए आरोप सामने आए हैं। वह कथित रूप से पुलिसकर्मियों को फंसाकर पैसों की मांग करती थी और इसमें उसका परिवार भी शामिल बताया जा रहा है।

Meenakshi Sharma police case probe

Meenakshi Sharma Case: कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की गोली लगने से हुई मौत के बाद महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने आ रही हैं। जांच में पता चला है कि साल 2022 में जब मीनाक्षी पीलीभीत के पूरनपुर थाने में तैनात थी, तब उसने एक सिपाही को अपने करीब लाकर उससे बड़ी रकम की मांग की थी। यह घटना कोई एक-दूसरी नहीं थी बल्कि इसके बाद बरेली और फिर जालौन में भी उसने इसी पैटर्न पर कई दारोगा और सिपाहियों को निशाना बनाया।

परिवार भी शामिल था इस पूरे खेल में

जांच के अनुसार मीनाक्षी अक्सर पहले जान-पहचान बनाती, फिर निजी बातचीत और करीबी का बहाना कर पुलिसकर्मियों पर पैसे देने का दबाव डालती थी। उसके इस पूरे नेटवर्क में उसके पिता और भाई भी शामिल बताए जा रहे हैं। यहां तक कि जब पुलिस उसे जेल ले जा रही थी, तो उसके पिता ने उसे ढांढस बंधाते हुए कहा कि वे जल्द उसे छुड़ा लेंगे।

तीन दिनों में 100 से ज्यादा कॉल,

जिले में चर्चा है कि मीनाक्षी के कई पुलिसकर्मियों से गहरे संपर्क थे। उसके फोन की सीडीआर में सिर्फ तीन दिनों में 100 से अधिक कॉल मिलने से शक और गहरा गया है। इन कॉलों में सामान्य कॉल के साथ कई वॉट्सऐप कॉल भी शामिल थीं। इसी वजह से तीन सदस्यीय एसआईटी इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।

थाना प्रभारी की पत्नी ने दर्ज कराई हत्या की एफआईआर

घटना वाली रात थाना प्रभारी अरुण कुमार राय को गोली लगी थी। उसी समय मीनाक्षी बाहर आई और चिल्लाई कि स्टेशन प्रभारी ने खुद को गोली मार ली है। इसके बाद वह मौके से चली गई। बाद में मेडिकल कॉलेज में अरुण राय को मृत घोषित कर दिया गया। मृतक की पत्नी माया देवी, जो गोरखपुर में रहती हैं, उन्होंने मीनाक्षी पर हत्या का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया।

25 लाख रुपये की मांग का खुलासा भी हुआ

जांच में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई कि पूरनपुर में मीनाक्षी ने एक सिपाही से 25 लाख रुपये मांगे थे। बरेली में भी उसने एक थाना प्रभारी और दो अन्य सिपाहियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसके मोबाइल रिकॉर्ड में कोंच, नदीगांव, कुठौंद और उरई थानों के कई पुलिसकर्मियों से लगातार बात करने के प्रमाण मिले हैं, जिनसे पूछताछ जारी है।

एसआईटी अब मौत, ब्लैकमेल, पैसों की मांग और आपसी संबंधों की पूरी कड़ियों को जोड़कर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसे जल्द ही उच्च अधिकारियों को सौंपा जाएगा।

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