RK Chaudhary controversial statement: समाजवादी पार्टी की “हिन्दू विरोधी” मानसिकता एक बार फिर उजागर हुई है। मोहनलालगंज से सपा सांसद आरके चौधरी ने दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण के लिए पराली या औद्योगिक उत्सर्जन के बजाय हिन्दू रीति-रिवाजों को जिम्मेदार ठहराया है। चौधरी ने दाह संस्कार और पवित्र होलिका दहन को पर्यावरण के लिए घातक बताते हुए इन परंपराओं को बंद करने का संकेत दिया। सपा सांसद का यह तर्क न केवल करोड़ों भारतीयों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है, बल्कि मुख्य प्रदूषण कारकों से ध्यान भटकाने की एक सोची-समझी साजिश प्रतीत होती है।
भाजपा ने इस पर तीखा प्रहार करते हुए इसे सपा का ‘सांस्कृतिक दिवालियापन’ करार दिया है। पार्टी का कहना है कि सपा हमेशा से ही विशेष वर्ग को खुश करने के लिए बहुसंख्यक समाज की आस्था को निशाना बनाती रही है।
#WATCH | On air pollution issue, Samajwadi Party leader RK Chaudhary says,"…When bodies are burnt, they release carbon dioxide and carbon monoxide, and it burns oxygen in the atmosphere. Even during the lighting of fire on Holika Dahan, carbon dioxide and carbon monoxide are… pic.twitter.com/Iocz0lXFvM
— ANI (@ANI) December 18, 2025
सनातन विरोध की राजनीति: सपा का असली चेहरा
सपा सांसद RK Chaudhary, जो पहले भी संसद से ‘सेंगोल’ हटाने जैसी मांग करके अपनी मानसिकता प्रदर्शित कर चुके हैं, अब सीधे हिन्दू धर्म के अंतिम संस्कार और त्योहारों पर हमलावर हैं। उन्होंने वैज्ञानिक तर्कों की आड़ में दाह संस्कार को कार्बन उत्सर्जन का स्रोत बताया, लेकिन जानबूझकर उन कारणों पर चुप्पी साध ली जो वास्तव में दिल्ली की हवा को जहरीला बना रहे हैं।
भाजपा का करारा जवाब:
भाजपा ने सांसद RK Chaudhary के इस बयान को “वैचारिक प्रदूषण” बताया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने सपा को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि क्या सपा अन्य धर्मों की प्रथाओं पर भी इसी तरह की टिप्पणी करने का साहस दिखाएगी?
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गिरिराज सिंह का पलटवार: “सपा नेताओं को केवल हिन्दू धर्म की परंपराएं ही बोझ लगती हैं। अगर उन्हें सनातन से इतनी दिक्कत है, तो उन्हें अपनी पहचान स्पष्ट करनी चाहिए।”
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सांस्कृतिक प्रहार: भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा कि यह बयान दिखाता है कि सपा के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है, इसलिए वे धार्मिक ध्रुवीकरण और आस्था को चोट पहुँचाने का काम कर रहे हैं।
क्या सपा का अगला लक्ष्य हिन्दू त्योहार हैं?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आरके चौधरी का यह बयान कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं, बल्कि सपा की उस रणनीति का हिस्सा है जहाँ वे हिन्दू प्रतीकों और परंपराओं को ‘पिछड़ा’ या ‘हानिकारक’ दिखाकर एक विशेष वोट बैंक को साधने की कोशिश करते हैं। होलिका दहन जैसे पवित्र पर्व को प्रदूषण का कारण बताना करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का अपमान है।
विपक्ष के इस रवैये ने जनता के बीच भारी असंतोष पैदा कर दिया है। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि क्या अब पर्यावरण के नाम पर हिन्दुओं को अपने पूर्वजों का अंतिम संस्कार करने की पद्धति भी बदलनी होगी? भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी सूरत में सनातन विरोधी एजेंडे को सफल नहीं होने देगी।
