फर्जी डिजिटल वीडियो यानी Deepfake वीडियो के जरिए एक बार फिर से लोगों को ठगने का नया तरीका सामने आया है। हाल ही में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें उनके नाम का गलत इस्तेमाल कर नकली स्टॉक ट्रेडिंग ऐप के प्रचार किए जा रहे हैं। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
बेंगलुरु साइबर क्राइम पुलिस ने इस संदिग्ध वीडियो का पता चलने पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच का दौर तेज कर दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सब-इंस्पेक्टर रोहिणी रेड्डी ने पहली नवंबर से तीसरे नवंबर तक इस प्रकार के Deepfake वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर देखा और रिपोर्ट किया। वीडियो में निर्मला सीतारमण के साथ अन्य चर्चित हस्तियां जैसे अनंत अंबानी भी शामिल हैं, जिनके माध्यम से उपयोगकर्ताओं को झांसा देकर नकली ऐप डाउनलोड करने और उसमें निवेश करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
ऐप्स को बिना जांचे डाउनलोड न करें
वायरल वीडियो में यूजर्स से 10 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक के रिटर्न का लालच दिया जाता है। यह तरीक़ा स्कैमर्स का एक नया हथियार बन चुका है, जिससे अविश्वास और आर्थिक नुकसान हो रहा है। पुलिस ने इस मामले में आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धारा 318 के तहत केस दर्ज किया है।
विशेषज्ञों ने लोगों को चेतावनी दी है कि किसी भी वीडियो या संदेश में दिख रहे ऐप्स को बिना जांचे डाउनलोड न करें, खासकर जब वे किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के वीडियो से जुड़े हों। Deepfake वीडियो में कई बार आवाज और चेहरे का सिंक नहीं होता, जिससे इसे पहचाना जा सकता है। लोग इस तरह के वीडियो को तुरंत रिपोर्ट करें और अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें।
सरकार और साइबर सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस तरह के डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन उपयोगकर्ताओं की सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
