llegal Arms Factory:कहां छिपी मिली बंदूक फैक्ट्री, पुलिस रह गई हैरान कैसे हुआ अवैध हथियारों के गोरखधंधे का खुलासा

दिल्ली पुलिस ने सराय रोहिल्ला केस की जांच में अलीगढ़ के खेत से अवैध हथियार फैक्ट्री पकड़ी। आरोपी 20 साल से हथियार बना रहा था। मौके से हथियार, कारतूस और मशीनें बरामद हुईं, पुलिस जांच जारी है।

Delhi Aligarh illegal arms racket exposed

Illegal Arms Factory Raid: दिल्ली के सराय रोहिल्ला के चूना भट्टी इलाके में अगस्त 2025 में दर्ज हुए एक मामले से पुलिस को ऐसे नेटवर्क का पता चला, जिसने सबको चौंका दिया। 11 और 12 अगस्त की रात एक महिला ने शिकायत दी थी कि एक युवक ने उसके भाई शुभम उर्फ लाला पर गोली चलाई। मौके पर मौजूद एक पड़ोसी ने आरोपी नाबालिग से पिस्तौल छीन ली, लेकिन वह भाग निकला।

नाबालिग की गिरफ्तारी से शुरू हुई कहानी

12 अगस्त को पुलिस ने 16 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि भगवान गणेश की मूर्ति खरीदने को लेकर हुए झगड़े में उसने शुभम पर गोली चला दी थी। पुलिस ने उसके पास से एक देसी पिस्तौल और एक कारतूस बरामद किया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि यह हथियार अलीगढ़ निवासी विजय कुमार उर्फ बंटी से खरीदा था।

बंटी से खुला बड़ा नेटवर्क

इसी सुराग के बाद इंस्पेक्टर विकास राणा और एसीपी अनिल शर्मा की देखरेख में पुलिस ने टीम बनाकर जांच शुरू की। 27 अगस्त को पुलिस ने अलीगढ़ के गंगा गढ़ी गांव से बंटी को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसने यह हथियार मथुरा के बिजेंद्र सिंह से खरीदे थे। 30 अगस्त को पुलिस ने बिजेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया। उसके मोबाइल से करीब 70 वीडियो मिले, जिनमें हथियार बनाते हुए दृश्य थे। इससे पुलिस को पता चला कि यह कोई छोटा मामला नहीं, बल्कि अवैध हथियारों का बड़ा नेटवर्क है।

खेत में चल रही थी बंदूक फैक्ट्री

बिजेंद्र से पूछताछ में सामने आया कि इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड अलीगढ़ का हनवीर उर्फ हन्नू है। पुलिस टीम ने जट्टारी पिशावा रोड स्थित खेत में बने दो कमरों में छापा मारा। जब अंदर का दृश्य देखा गया तो पुलिस भी हैरान रह गई। वहां कई अधबनी पिस्तौलें, कारतूस और हथियार बनाने की मशीनें पड़ी थीं। पूरा खेत एक गुप्त फैक्ट्री में बदल दिया गया था, जहां दिन-रात हथियार बनाए जा रहे थे।

15-20 साल से चल रहा था धंधा

पुलिस ने मौके से हनवीर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह पिछले 15 से 20 सालों से यह काम कर रहा है और अब तक 1200 से ज्यादा हथियार बेच चुका है। बरामदगी में 6 देसी पिस्तौलें, 12 अधबनी पिस्तौलें, 6 जिंदा कारतूस, 5 खाली कारतूस, 13 बैरल, 44 छोटे बैरल, 12 पाइप और कई मशीनें मिलीं। पुलिस के अनुसार ये हथियार दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में बेचे जाते थे।

पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई

पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है। आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच जारी है। अधिकारियों का मानना है कि यह गिरोह लंबे समय से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर काम कर रहा था। इस कार्रवाई से अवैध हथियारों की सप्लाई चेन को बड़ा झटका लगा है।

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