सामने आए कट्टरपंथी डॉक्टरों की टोली के नाम, मौलावी के साथ ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकियों ने कुछ ऐसे किया दिल्ली में ब्लास्ट

दिल्ली ब्लास्ट में पहली बार डॉटरों के नाम सामने आए हैं, व्हाइट कॉलर वाले कट्टपंथियों ने बड़े प्लान के तहत देश को दहलाने की साजिश रची, फिलहाल अधिकतर आरोपी पुलिस के शिकंजे में हैं।

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को बड़ा आतंकी हमला हुआ। इस अटैक में 12 लोगों की मौत हो गई तो वहीं दर्जनों नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए। दिल्ली ब्लास्ट की साजिश पहली बार ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकियों ने रची। कंटरपंथी डॉक्टरों ने अपने आका के इशारे पर फरीदाबाद में 2900 केजी विस्फोटक एकत्र किया। वह कुछ कर पाते, उससे पहले जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस ने इंसानियत के विलेन को दबोच लिया। लेकिन एक डॉक्टर भागने में कामयाब रहा और उसने लाल किला के पास विस्फोट से भरी कार को उड़ा दिया। जांच में एक लेडी डॉक्टर शाहीन का नाम भी सामने आया है, जिसे जैश का महिला इंडिया चीफ बताया जा रहा है।

दिल्ली ब्लास्ट को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसियां पूरे देश में ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए हुए हैं। फिलहाल लाल किला मेट्रो स्टेशन की पार्किंग के पास हुए बम धमाके के कई बड़े किरदार सामने आए हैं। इसमें कट्टरपंथी डॉक्टरों का पूरा नेटवर्क सामने आया है, जो आतंक की राह पर चल पड़ा था और उसके खतरनाक मंसूबे दिल्ली और अन्य शहरों को दहलाने की थी। इसमें सहारनपुर से गिरफ्तार अनंतनाग का डॉक्टर आदिल अहमद, फरीदाबाद में बारूद का जखीरा इकट्ठा करने वाला मुजम्मिल शकील और तीसरा डॉक्टर उमर मोहम्मद भी शामिल था। उमर मोहम्मद ही वो संदिग्ध हमलावर बताया जा रहा है, जिसने कार में बम धमाका कर इस आतंकी घटना को अंजाम दिया।

डॉक्टर शाहीन को सौंपी गई थी कमान 

फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन को जैश आतंकी संगठन का भारत में महिला विंग और रिक्रूटमेंट तैयार करने जिम्मा सौंपा गया था। जमात उल मोमीनात महिला विंग है जैश की, जिसकी भारत मे कमान डॉक्टर शाहीन को सौंपी गई थी। सादिया अहजर मसूद अहजर की बहन है जो पाकिस्तान में जैश की महिला विंग की हेड है। सादिया अजहर का पति यूसुफ अजहर कंधार हाईजैक में एक मास्टरमाइंड था। बताया जाता है कि ऑपरेशन सिंदूर के वक्त सादिया का पति अजहर मारा गया था। इसी के बाद मसूद ने सादिया को आतंकी फैक्ट्री की कमान सौंपी थी। सादिया भारत में महिलाओं को आतंकी संगठन में शामिल करने का काम करती है। सूत्र बताते हैं कि सादिया ने ही डॉक्टर शाहीन को जैश महिला विंग का चीफ बनाया था। शाही के पास से पुलिस ने बंदूक और गोला-बारूद बरामद किया है।

अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ा रही थी शाहीन 

डॉक्टर शाहीन तीन भाई बहन हैं। बड़ा भाई शोएब है। दूसरे नंबर पर शाहीना है। सबसे छोटा भाई परवेज़ है। शाहीन कानपुर में नौकरी छोड़ने के बाद फ़रीदाबाद चली गई थी। उसकी शादी महाराष्ट्र के रहने वाले जफर हयात से हुई थी, लेकिन तलाक हो गया। शाहीन ने करीब 25 साल पहले इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से मेडिकल की पढ़ाई की थी। शाहीन करीब तीन से लापता था। वह बिना किसी को बताए फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ा रही थी। यहां वह जैश के संपर्क में आई। पुलवामा के कई डॉक्टर अल फलाह यूनिवर्सिटी में बढ़ाते थे। सूत्र बताते हैं कि शाहीन उमर के संपर्क में आने के बाद कईबार कश्मीर गई। सूत्र बताते है कि दिल्ली ब्लास्ट की मास्टरमाइंड शाहीन और उमर हैं। फिलहाल शाहीन पुलिस की गिरफ्त में है। लखनऊ पुलिस ने शाहीन के डॉक्टर भाई को भी अरेस्ट कर लिया है।

आदिल मोहम्मद कौन

आदिल मोहम्मद अनंतनाग के एक अस्पताल में सीनियर डॉक्टर है, जिसने 19 अक्टूबर को श्रीनगर में जैश ए मोहम्मद के पोस्टर लगाए थे। सीसीटीवी फुटेज से उसकी शिनाख्त हुई तो सर्विलांस की मदद से उसे सहारनपुर से 6 नवंबर को पकड़ा गया। अनंतनाग में उसके लॉकर से एक रायफल और अन्य संवेदनशील सामग्री भी बरामद की गई। उससे फरीदाबाद के डॉक्टर मुजम्मिल शकील का सुराग मिला। मुजम्मिल शकील को फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर की पुलिस टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान पकड़ा। फरीदाबाद के धौज इलाके में मुजम्मिल ने एक कमरा किराये पर ले रखा था, जहां से 360 किलो विस्फोटक, 20 टाइमर, दो असॉल्ट रायफलें और अन्य सामग्री बरामद की गई। उसकी निशानदेही पर फरीदाबाद के एक गांव से 2560 किलो से ज्यादा विस्फोटक का बड़ा जखीरा मिला, जिसे ले जाने के लिए ट्रक मंगाया गया था। मुजम्मिल पुलवामा का रहने वाला बताया जा रहा है। वो फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था।

डॉ. उमर मोहम्मद संदिग्ध हमलावर

दो डॉक्टरों का तीसरा साथी उमर मोहम्मद था, जो पकड़ में नहीं आया था। ये डॉक्टर उमर मोहम्मद भी फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने का काम करता था। माना जा रहा है कि उमर ही वो कार सवार फिदायीन हमलावर था, जिसने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास बम धमाका किया, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई। डॉक्टर उमर भी पुलवामा का रहने वाला है। उमर और आदिल के बीच दोस्ती थी। दिल्ली ब्लास्ट से पहले 29 अक्टूबर को दोनों एक साथ नजर आए थे। दरअसल, दोनों का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। से फुटेल प्रदूषण केंद्र का है। जहां दोनों आई 20 कार की जांच के लिए आए थे। कार उमर चला रहा था। दोनों कार से उतरते हैं और प्रदूषण चेक करवाते हैं और फिर चले जाते हैं। दिल्ली ब्लास्ट से ठीक पहले का भी सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। जिसमें कार उमर चलाते हुए दिख रहा है।

डॉ. परवेज के घर यूपी एटीएस की रेड

यूपी एटीएस ने लखनऊ में जैश की महिला कमांडर बताई जा रही डॉक्टर शाहीन के भाई डॉ. परवेज के घर भी छापेमारी की है। परवेज भी फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के इन आतंकी डॉक्टरों के गैंग के संपर्क में था। एटीएस टीम को घर बंद मिला तो अंदर घुसकर जांच की गई। पुलिस टीम ने तलाशी के बाद कई चीजें बरामद की हैं। शाहीन के घर से पुलिस ने उसके भाई डॉक्टर परवेज को अरेस्ट कर लिया है। घर पर शाहीन के बुजुर्ग पिता भी थे। शाहीन के पिता ने बताया कि वह पहल कानपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाती थी। 2021 में वह कानपुर से दिल्ली चली गई और वहां से फरीदाबाद। शाहीन के पिता ने बताया कि करीब दो साल से वह घर नहीं आई। उसने परिवार के किसी सदस्य से बात भी नहीं की। ऐसा दावा किया जा रहा है कि शाहीन का एक दोस्त भी है, जिससे उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। शाहीन ने इसी प्रेमी के चलते अपने पति को छोड़ दिया था।

डॉ. सज्जाद भी हिरासत में

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी में डॉक्टरों के टेरर नेटवर्क में शामिल डॉ. सज्जाद को भी हिरासत में लिया है। दिल्ली ब्लास्ट केस में शामिल डॉक्टरों के कांटैक्ट में वो शामिल था। सज्जाद डॉक्टर उमर का जिगरी दोस्त बताया जा रहा है। उसके पिता से भी पूछताछ की गई है। जांच में पता चला है कि धमाके में अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल और डेटोनेटर का इस्तेमाल कार बम धमाके में किया गया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तारिक को पकड़ कर पूछताछ की है। तारिक ही वो शख्स बताया जा रहा है, जिसने ये कार डॉक्टर उमर मोहम्मद को बेची थी और जिस कार से आतंकी हमले को अंजाम दिया गया। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में अंसार गजावत उल हिंद का खास यासिर भी पकड़ा गया है। कहा जा रहा है कि डॉक्टरों का ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकी साजिश में शामिल करने का काम यासिर ने किया था।

एक मौलवी का नाम

इस पूरे नेटवर्क में एक मौलवी का नाम भी सामने निकल कर आया है, जिसे पुलिस ने श्रीनगर के छनपुरा इलाके से दबोच लिया। मौलाना शूपियां का रहने वाला था और लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में संलग्न था। मौलवी इरफान अहमद से जब जम्मू- कश्मीर पुलिस ने गहराई से पूछताछ की, तो इसने डॉक्टर आदिल के बारे में जानकारी दी। डॉक्टर आदिल से मौलवी अनंतनाग में मिला था, जहां के मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद वही वो रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर नौकरी कर रहा था। मौलवी ने ये कबूला कि जेहादी मानसिकता वाले डॉक्टर आदिल के पास उसने पिस्तौल देखी थी। मौलवी ने जमीर नामक एक और जेहादी के बारे में सूचना दी, जो आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त था। मौलवी से मिली इस जानकारी के आधार पर जम्मू- कश्मीर पुलिस ने गांदरबल के निवासी जमीर अहमद अहंगर को गिरफ्तार किया और उसके बाद डॉक्टर आदिल को ढूंढने की कवायद शुरु की।

जेहादी सोच सुरक्षा एजेंसियों के लिए बनी चुनौती

अभी तक कहा जाता रहा है कि गरीबी और अशिक्षा के कारण मुस्लिम युवक जेहाद या आतंकवाद की तरफ बढ़ते हैं, लेकिन आतंक की इस ताजा साजिश को देखा जाए, तो इसमें शामिल सभी लोग न सिर्फ काफी पढ़े- लिखे हैं, धनी हैं, बल्कि डॉक्टर जैसे मानवीय पेशे में है। जहां मकसद लोगों की जान बचाना होता है, जान लेना नहीं। लेकिन जेहादी सोच के तहत निर्दोषों की जान लेने में ये सब लगे हुए थे। अगर समय पर ज्यादातर आतंकियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तो पता नहीं जेहादी मानसिकता वाले ये डॉक्टर अपने शागिर्दों, सहयोगियों के साथ मिलकर देश में कितनी बड़ी आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देते। पाकिस्तान में बैठे अपने आतंकी आकाओं के इशारे पर, जो ऑपरेशन सिंदूर में जमकर मार खाने के बाद बिलबिलाये हुए हैं, भारत में आतंकी हमले करने की लगातार साजिश रच रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती अभी खत्म नहीं हुई है। पता नहीं, अब भी कितने जेहादी मानसिकता वाले छुपे बैठे हैं। इसलिए इस केस को अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को सौंप दिया है।

 

 

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