दिल्ली लाल किला धमाके के बाद देशभर में फैली सनसनी के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने छः शहरों से कुल सात आरोपियों की गिरफ्तारी की है। इस कड़ी कार्रवाई में सामने आया है कि धमाके की साजिश का नेटवर्क न केवल दिल्ली, बल्कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों तक फैला हुआ था। गिरफ्तार किए गए अधिकतर लोग डॉक्टर हैं, जिनमें कई प्रमुख मेडिकल संस्थानों से जुड़े रहे हैं।
गिरफ्तार हुए मुख्य आरोपी और उनका नेटवर्क
डॉ. आदिल अहमद (सहारनपुर)
सहारनपुर से गिरफ्तार हुए डॉ. आदिल अहमद पर सबसे पहले पुलिस ने शिकंजा कसा। आदिल पहले भी कश्मीर में विवादित पोस्टर लगाने के आरोप में जांच के दायरे में था और उत्तर प्रदेश के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में कार्यरत था।गुजरात (बनासकांठा) से दो आरोपी
गुजरात एटीएस ने बनासकांठा में तीन आतंकियों को पकड़ा, जिनमें दो उत्तर प्रदेश के निवासी आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल हैं। ये दोनों आरोपी लखनऊ के रहने वाले बताए जा रहे हैं और डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद के लिए काम कर रहे थे। दोनों पर आरएसएस दफ्तर की रेकी का भी आरोप है।डॉ. शाहीन (लखनऊ)
लखनऊ से गिरफ्तार डॉ. शाहीन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी पाई गई हैं और घटना में इस्तेमाल विस्फोटक उसी की कार से बरामद हुआ है। वर्तमान में वह फरीदाबाद में रह रही थी।डॉ. परवेज़ (लखनऊ)
डॉ. शाहीन के भाई डॉ. परवेज़ का नाम भी जांच में सामने आया, जो इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर था और हाल ही में अचानक इस्तीफा देकर फरार था। उसके घर से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुईं हैं।डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर (कानपुर)
कानपुर से गिरफ्तार डॉ. आरिफ मीर एमडी कार्डियोलॉजी का छात्र है, और मुख्य आरोपी उमर का क्लासमेट हुआ करता था। उसके लिंक डॉ. शाहीन से भी जुड़े हुए हैं।डॉ. फारूक (हापुड़)
हापुड़ से गिरफ्तार डॉ. फारूक जीएस मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर था और दिल्ली पुलिस ने शुरुआती संदेह के आधार पर उसे हिरासत में लिया है।
जांच एजेंसियों की कार्रवाई और आगे की दिशा
इन गिरफ्तारियों के बाद जांच एजेंसियों ने यह स्पष्ट किया कि दिल्ली ब्लास्ट की साजिश के तार बड़े नेटवर्क और डॉक्टरों के एक संगठित गिरोह से जुड़े हैं। जांच में पाया गया है कि कई अन्य संदिग्ध अभी भी फरार हैं, और उनकी तलाश सभी संबंधित राज्यों में जारी है। दिल्ली पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ब्रेक-थ्रू के लिए कई शहरों में छापेमारी कर रही हैं, ताकि साजिश का पूरा जाल सामने लाया जा सके।



