Delhi blasts: ‘शांत’ डॉ. आरिफ और शाहीन कनेक्शन का रहस्य! फ्लैटमेट के खुलासे से जांच में नया मोड़

दिल्ली ब्लास्ट केस में हिरासत में लिए गए डॉ. आरिफ के फ्लैटमेट डॉ. अभिषेक ने बताया कि आरिफ का व्यवहार विस्फोट के बाद भी सामान्य था और उन्होंने कभी किसी 'शाहीन' का जिक्र नहीं किया। एटीएस अब आरिफ के शाहीन नेटवर्क से संभावित कनेक्शन की जांच कर रही है।

Delhi Arif

Delhi blasts: दिल्ली में हुए भीषण विस्फोट की जांच में एक नया मोड़ आ गया है, जहां कानपुर के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर मोहम्मद आरिफ को उत्तर प्रदेश एटीएस ने हिरासत में लिया है। विस्फोट के बाद भी आरिफ की बॉडी लैंग्वेज और व्यवहार में किसी तरह की असामान्य बेचैनी नहीं दिखने की बात उनके फ्लैटमेट, डॉ. अभिषेक, ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताई है। डॉ. अभिषेक ने स्पष्ट किया कि वे सिर्फ सहकर्मी थे, दोस्त नहीं। उनके अनुसार, आरिफ काम के बाद सीधे अपने कमरे में चले जाते थे और उन्होंने कभी भी ‘शाहीन’ या ‘परवेज’ नाम के किसी व्यक्ति का जिक्र नहीं किया। आरिफ की सामान्य दिनचर्या और शांत स्वभाव की पुष्टि उनके मकान मालिक, कन्हैया लाल, ने भी की है, जो बताते हैं कि आरिफ एक महीने से भी कम समय के लिए किराए पर रहे और उनकी गतिविधियां कभी संदिग्ध नहीं लगीं।

इस बीच, एटीएस की जांच में डॉ. आरिफ का संबंध कथित तौर पर डॉ. शाहीन सईद के नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है, जिन्हें पहले फरीदाबाद से विस्फोटक रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसियां अब आरिफ को दिल्ली ले गई हैं, जहां उन्हें अन्य आरोपियों के सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी ताकि इस संभावित आतंकी नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ा जा सके।

डॉ. आरिफ के फ्लैटमेट का खुलासा

Delhi एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड कार्डियक सर्जरी के सीनियर रेजिडेंट डॉ. आरिफ के फ्लैटमेट, डॉ. अभिषेक, ने गुरुवार को मीडिया के सामने कई अहम खुलासे किए। उन्होंने बताया कि हॉस्टल सुविधा न होने के कारण वे एक ही फ्लैट में रहते थे, पर उनका संबंध केवल सहकर्मियों तक सीमित था। डॉ. अभिषेक ने कहा कि दिल्ली में हुए विस्फोट के बावजूद, उन्होंने आरिफ के व्यवहार में कोई बदलाव या तनाव नहीं देखा।

“हम दोस्त नहीं थे, बस सहकर्मी थे। काम के बाद वह सीधे अपने कमरे में चले जाते थे। न उनके व्यवहार में कोई अजीब बात थी और न ही उन्होंने कभी किसी शाहीन या परवेज नाम के व्यक्ति का जिक्र किया,” डॉ. अभिषेक ने बताया। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि आरिफ ने सिर्फ अपने पिता की कैंसर की बीमारी का जिक्र किया था और उनका जीवन काफी सामान्य था।

संस्थान प्रशासन और मकान मालिक का रुख

कानपुर में आरिफ के मकान मालिक कन्हैया लाल ने भी आरिफ को शांत स्वभाव का बताया। उन्होंने कहा कि आरिफ केवल एक महीने के लिए किराए पर थे और उनका किसी से ज्यादा मेल-जोल नहीं था। उन्होंने बताया कि आरिफ के कमरे का सामान लेने के लिए एक दिन चार लोगों की टीम आई थी, जिसे आरिफ ने फोन पर बात करने के बाद जाने दिया।

संस्थान की ओर से, निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने इस घटना के मद्देनजर सुरक्षा प्रोटोकॉल सख्त कर दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि संस्थान अब सभी कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से करवाएगा, भले ही आरिफ एक मेधावी छात्र थे। संस्थान के प्रोफेसर डॉ. अवधेश शर्मा ने पुष्टि की कि आरिफ अगस्त से सीनियर रेजिडेंट के तौर पर काम कर रहे थे।

एटीएस की जांच में ‘शाहीन’ कनेक्शन और नया सबूत

उत्तर प्रदेश एटीएस ने आरिफ को हिरासत में लेने की कार्रवाई डॉ. शाहीन सईद के संभावित नेटवर्क की जांच के दौरान की है। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आरिफ का शाहीन से कोई सीधा या अप्रत्यक्ष संबंध है या नहीं। इस बीच, Delhi पुलिस और FSL की टीम को विस्फोट स्थल, न्यू लाजपत राय मार्केट, के पास से एक मानव अंग बरामद हुआ है। टीम डीएनए टेस्ट के जरिए उसकी पहचान सुनिश्चित करने में जुटी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह किसी हमलावर का है या विस्फोट में मारे गए किसी निर्दोष नागरिक का। विस्फोट में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। एटीएस और दिल्ली पुलिस की टीमें अब डॉ. आरिफ और डॉ. शाहीन से जुड़ी डिजिटल गतिविधियों, कॉल रिकॉर्ड्स और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच कर रही हैं।

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