Delhi car blast: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार धमाके ने एक नया और सनसनीखेज मोड़ ले लिया है। अब आशंका जताई जा रही है कि सोमवार (10 नवंबर) को हुई यह घटना किसी सुनियोजित आतंकी हमले का हिस्सा नहीं थी, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद आतंकी उमर की घबराहट का नतीजा थी। धमाके के कुछ ही समय पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वायरल पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था: “You can run but you can’t hide”। सूत्रों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का सदस्य डॉक्टर उमर पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए दिल्ली आया था।
इस ट्वीट ने उस पर दबाव इतना बढ़ा दिया कि लाल किले के पास पार्किंग में छिपने की कोशिश कर रहे उमर ने घबराहट में जब कार चलाई, तो उसमें रखा विस्फोटक गलती से फट गया। शुरुआती जांच एजेंसियां इस बात की तरफ इशारा कर रही हैं कि यह धमाका पैनिक और हड़बड़ी की स्थिति में हुई एक दुर्घटना थी, न कि प्लांटेड बम का विस्फोट।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के ट्वीट से बढ़ा दबाव
दिल्ली में हुए इस रहस्यमय कार धमाके के पीछे की नई थ्योरी जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वायरल ट्वीट से उपजी है। यह ट्वीट 10 नवंबर को शाम 6 बजकर 10 मिनट पर किया गया था। इस पोस्ट के कुछ ही देर बाद, फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टर उमर की गाड़ी में जोरदार धमाका हो गया। उमर, जो कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा था, लगातार जम्मू-कश्मीर पुलिस की पकड़ से बचने की कोशिश कर रहा था।
जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, धमाके से कुछ घंटे पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद में एक बड़ा आतंकी मॉड्यूल ध्वस्त किया था, जहां से 2,900 किलो विस्फोटक और असॉल्ट राइफल्स बरामद किए गए थे। इस कार्रवाई के बाद उमर को पकड़े जाने का डर लगातार उसे दबाव में रखे हुए था।
हड़बड़ी में हुआ हादसा?
शुरुआती Delhi car blast तफ्तीश में जांच एजेंसियों का यही एंगल सामने आया है कि धमाका किसी योजनाबद्ध साजिश का परिणाम नहीं था। पुलिस के ‘You can run but you can’t hide’ वाले संदेश ने उमर की घबराहट को चरम पर पहुंचा दिया। लाल किले के पास पार्किंग में छिपने की कोशिश कर रहा उमर जैसे ही पैनिक में कार को लेकर निकला, कार में रखे विस्फोटक में गलती या हड़बड़ी के कारण विस्फोट हो गया। यह थ्योरी इस बात की ओर इशारा करती है कि आतंकी मॉड्यूल पुलिस के दबाव में था और यह विस्फोट एक सुनियोजित आतंकवादी घटना के बजाय, आतंकियों की गलती का परिणाम हो सकता है।
i20 कार का बड़ा सुराग
जांच में Delhi car blast में इस्तेमाल हुई सफेद i20 कार को लेकर एक अहम सुराग मिला है। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि यह कार करीब दस दिन पहले, 29 अक्टूबर को शाम 4:20 बजे एक पेट्रोल पंप के पास प्रदूषण जांच (PUC) करा रही थी। फुटेज में तीन व्यक्ति नज़र आ रहे हैं: एक शख्स कार चला रहा है, जबकि दो अन्य बाद में कार में बैठे दिखाई देते हैं। जांच एजेंसियां अब इन तीनों व्यक्तियों की पहचान करने में जुट गई हैं, क्योंकि इनकी पहचान धमाके की साजिश की कड़ी को समझने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।








