नई दिल्ली: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत में 400 से अधिक जीआई (भौगोलिक संकेत) उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक मल्टी-मीडिया अभियान की योजना बना रहा है. जिसमें दार्जिलिंग चाय, चंदेरी कपड़ा, मैसूर रेशम और अखरोट की लकड़ी की नक्काशी जैसे कई उत्पाद शामिल हैं.
इसी क्रम में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को एक नोटिस जारी कर बताया कि, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) DPIIT नियमित रूप से जीआई उत्पादों के लिए विभिन्न मल्टी-मीडिया अभियान, विज्ञापन और प्रचार सामग्री के माध्यम से चला रहा है.
डीपीआईआईटी DPIIT इस अभियान से लगभग 400 से ज्यादा जीआई GI उत्पादों को अवसर प्रदान करेंगा. मंत्रालय के अनुसार, डीपीआईआईटी जीआई अभियान के लिए प्रतिष्ठित ऑडियो-विजुअल एजेंसियों को पैनल में शामिल करने पर विचार कर रहा है.
साथ ही इस पैनल में शामिल एजेंसियों के पास निर्माण, प्रायोजित श्रृव्य-दृश्य कार्यक्रम और छोटो वीडियो बनाने का अनुभव होना चाहिए. डीपीआईआईटी DPIIT के इस अभियान से जीआई उत्पादकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
दरअसल जीआई एक संकेत है. इसका उपयोग उन उत्पादों के लिए किया जाता है जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है. इसमें उस क्षेत्र की विशेषताओं के गुण और प्रतिष्ठा भी पाई जाती है. एक संरक्षित भौगोलिक संकेत का धारक है, किसी अन्य व्यक्ति को उसी तकनीक का उपयोग करके उसी उत्पाद के निर्माण से नहीं रोक सकता है.
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