
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है। कई इलाकों में प्रदूषण स्तर 450 के पार पहुंच गया है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा मरीजों को गंभीर परेशानी हो रही है।
वहीं दूसरी ओर, दिल्ली के कई इलाकों में आवारा कुत्तों के हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं। बीते एक महीने में 60 से अधिक लोगों के घायल होने की रिपोर्ट सामने आई है। इनमें स्कूल जाने वाले बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं।
दिल्ली के इंडिया गेट पर रविवार शाम बढ़ते वायु प्रदूषण और सुप्रीम कोर्ट के हालिया आवारा कुत्तों संबंधी फैसले के खिलाफ लोगों ने संयुक्त प्रदर्शन किया। शाम 5 बजे शुरू हुए इस विरोध में पर्यावरण कार्यकर्ता, पशु अधिकार संगठन, अभिभावक, छात्र और राजनीतिक नेता शामिल हुए। पुलिस ने बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर 60-80 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें कुछ को अज्ञात स्थानों पर ले जाया गया।
DCP (नई दिल्ली) देवेश कुमार महला ने बताया कि सिर्फ उन्हीं को रोका गया जो मानसिंह रोड को रोक रहे थे। प्रदर्शन का नेतृत्व AAP नेता सौरभ भारद्वाज कर रहे थे। पुलिस ने बच्चों की गिरफ्तारी से इनकार किया।
प्रदर्शन में शामिल आकांक्षा कुलकर्णी ने कहा, “मैं पिछले महीने से अपनी बेटी को पार्क नहीं ले गई। अब सर्दियां भी घर के अंदर बीतती हैं।” एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि “सरकार पराली और आंकड़ों के बहाने जिम्मेदारी से बच रही है।”
वहीं, पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय निर्दोष स्ट्रीट डॉग्स के लिए खतरनाक है। हर्षिता ने पूछा, “उन्हें हटाने के बाद सरकार उन्हें रखेगी कहाँ?”
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि पिछली सरकार की नीतिगत विफलता से यह स्थिति बनी।
राहुल गांधी ने पोस्ट कर कहा, “स्वच्छ हवा का अधिकार मौलिक मानव अधिकार है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन को अपराध की तरह क्यों देखा जा रहा है?”