Delhi का ‘पवित्र’ आश्रम बना हवस का अड्डा: छात्राओं का यौन शोषण, बाबा फरार!

दिल्ली के एक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में छात्राओं का यौन शोषण, आरोपी संचालक स्वामी चैतन्यानंद फरार दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के पूर्व संचालक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं. दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है.

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Delhi Management Institute Sexual Harassment: दिल्ली के पॉश इलाके वसंत कुंज में एक प्रतिष्ठित मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के भीतर से एक घिनौनी हकीकत सामने आई है, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट, जिसे शिक्षा और नैतिकता का गढ़ माना जाता था, अब एक डरावने रहस्य का केंद्र बन गया है। इस संस्थान के पूर्व संचालक, खुद को ‘स्वामी’ कहने वाले चैतन्यानंद सरस्वती पर 32 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। इस तथाकथित संत की काली करतूतों का खुलासा तब हुआ जब इन बहादुर लड़कियों ने चुप रहने से इंकार कर दिया। आरोप है कि वह उन्हें अश्लील संदेश भेजता था, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता था, और शारीरिक छेड़छाड़ करता था। इस मामले ने आश्रमों की पवित्रता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

“मैं बाबा नहीं, स्वामी हूँ!” – शैतान का खुला खेल

Delhi पुलिस के अनुसार, स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ वसंत कुंज नॉर्थ थाने में यौन शोषण और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि यह कथित बाबा अपनी पहुंच और ताकत दिखाने के लिए एक फर्जी नंबर प्लेट लगी वोल्वो कार का इस्तेमाल करता था। यह कार संस्थान के बेसमेंट से बरामद हुई है, जिस पर फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी थी।

‘चुप रहो या करियर बर्बाद’ – छात्राओं पर दबाव

शिकायतकर्ता छात्राओं का कहना है कि उन्हें संस्थान की कुछ महिला फैकल्टी और कर्मचारी धमकाती थीं कि अगर उन्होंने स्वामी की गलत मांगों को नहीं माना तो उनकी पढ़ाई और करियर बर्बाद कर दिया जाएगा। यह जानकर रूह कांप जाती है कि एक ही संस्थान के भीतर कुछ लोग इस तरह के अपराधों में साथ दे रहे थे। यह सिर्फ एक व्यक्ति का अपराध नहीं, बल्कि एक साजिश का हिस्सा लगता है।

भागता फिर रहा है आरोपी, पुलिस खाली हाथ

मामला सामने आने के बाद श्री शृंगेरी पीठ ने स्वामी चैतन्यानंद को उनके पद से हटा दिया और उनके सभी संबंधों को समाप्त कर दिया। पीठ ने इसे “अवैध और अनुचित” आचरण बताया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू कर दी। अब तक 16 छात्राओं के बयान मजिस्ट्रेट कोर्ट में दर्ज किए जा चुके हैं, और 32 छात्राओं से पूछताछ की गई है। Delhi पुलिस की टीमें आरोपी की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं। उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में मिली थी, लेकिन वह अभी भी फरार है। इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि शिक्षा के मंदिरों के पीछे भी किस तरह के काले साए छिपे हो सकते हैं।

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