Delhi: राजधानी दिल्ली (Delhi) के विवेक विहार स्थित बेबी केयर अस्पताल में आग लगने की घटना की जांच जारी है। दोनों संदिग्ध नवीन और आकाश को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया है। कोर्ट ने दोनों संदिग्धों को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
एफआईआर कॉपी से कई अहम खुलासे
बेबी केयर सेंटर में 7 बच्चों की मौत के मामले में एफआईआर कॉपी से कई अहम खुलासे हुए हैं। एफआईआर से पता चलता है कि घटनास्थल पर 5 ऑक्सीजन सिलेंडर टूटे हुए पाए गए। इमारत के अंदर और बाहर कुल 27 ऑक्सीजन सिलेंडर बिखरे हुए पाए गए। बेबी केयर के मालिक नवीन खिंची ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अस्पताल में अपर्याप्त सुरक्षा उपायों के कारण नवजात शिशुओं की जान खतरे में डालकर अपराध किया।
किन धाराओं मे लगा आरोप
सिलेंडर विस्फोट के कारण आसपास की इमारतों की खिड़कियां टूट गईं और कुछ सामान इमारत से सटे आईटीआई कॉलेज पर गिर गया, जिससे वहां आग लग गई। इसके चलते एक स्कूटर और एक वैन शामिल हो गए। घटना के तुरंत बाद एफआईआर दर्ज की गई और बाद में इसमें आईपीसी की दो अतिरिक्त धाराएं – 304 और पीआईसी – 308 जोड़ी गईं।
सोमवार को पुलिस डॉ. नवीन और डॉ. आकाश को पेशी के लिए कड़कड़डूमा कोर्ट ले गई। संक्षिप्त पेशी के बाद दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस ने 5 दिन की रिमांड का अनुरोध किया। अदालत ने यह अनुरोध स्वीकार कर लिया। पुलिस बेबी केयर सेंटर से जुड़ी सारी जानकारी सक्रियता से जुटा रही है।
डॉक्टरों की डिग्रियों की भी हो रही जांच
यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि लाइसेंस किसके नाम से जारी किया गया था, यह डॉ. नवीन के नाम से था या उनकी पत्नी के नाम से। इसके लिए दिल्ली स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया जा रहा है। अग्निशमन विभाग से भी जानकारी मांगी जा रही है।
यदि कोई व्यावसायिक इमारत 9 मीटर से अधिक ऊंची है, तो फायर एनओसी की आवश्यकता होती है, यही कारण है कि एमसीडी ने आज इमारत की मैपिंग की। आरोपी डॉक्टरों की डिग्रियों की भी जांच की जा रही है।