नई दिल्ली: 40 लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड दूसरे देशो की और रवाना हो चुके है। रुसी हमले के बाद बहुत अधिक मात्रा में लोग यूक्रेन से पलायन कर गए है। यूएन एजेंसी के अनुसार उच्चायुक्त ने एक वेबसाइट पर पोस्ट किया कि 40 लाख के आस पास लोग यूक्रेन देश को छोड चुके है। 40 लाख में से करीब 23 लाख लोगों ने पोलैंड में प्रवेश किया है।
रूस यूक्रेन में 35वें दिन भी युद्ध जारी है। रूस द्वारा कीव और चेर्नीहीव से सेना हटाने की घोषणा के बाद युद्ध विराम की एक उम्मीद जगी है। तुर्की में वार्ता के बाद दोनों देशो के राष्ट्रपतियों में जल्द ही मुलाकात होगी। वही अमेरिका और यूक्रेन के राष्ट्रपति को रुसी सैन्य संख्या घटाने के फैसले पर संदेह है। इस पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेंलेंस्की का कहना है कि उन्हें रुसी घोषणा पर भरोसा नहीं है क्योंकि कीव और चेर्नीहीव में यूक्रेन की फौज अब भी रुसी बलों से कई मोर्चो पर संघर्ष कर रहे है। उनके अनुसार इस सकारात्मक संकेत के बाद भी रुसी गोलों के धमाके शांत नहीं हुए है। वही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी यही कहना है कि रुसी घोषणा पर पूरी तरह से भरोसा नहीं है।
रुसी अफसरों के अनुसार तुर्की में चल रही रूस-यूक्रेन प्रतिनिधिमंडल की बैठक को सकारात्मक बताया जा रहा है। हालाकिं दोनों पक्ष युद्धविराम पर सहमत नहीं है। लेकिन रुसी प्रतिनिधि मंडल के एक सदस्य का कहना है की जल्द ही रुसी राष्ट्रपति पुतिन व यूक्रेनी राष्ट्रपति जेंलेंस्की की टर्की में मुलाकात हो सकती है। वही मास्को के प्रमुख वार्ताकार ने यूक्रेन के साथ हुई शांति वार्ता को साफ़ करते हुए कहा की यूक्रेन में सैन्य अभियानों को घटाने का रूस का वादा युद्धविराम नहीं है। उनका कहना यह है कि कीव के साथ औपचारिक समझौते पर बातचीत को अभी और लम्बा रास्ता तय करना है।
वही यूक्रेन के राष्ट्रपति जेंलेंस्की का कहना है की यूक्रेनियों को नासमझ ना समझे। युद्ध के 34 दिनों में व डोंबास के पिछले आठ वर्षो से उन्होंने यही सीखा है कि वे सिर्फ एक ही चीज़ पर भरोसा कर सकते है और वह है ठोस परिणाम निकाले।
(ऋषभ गोयल)