Awadh Ojha: अवध ओझा का टुटा सपना… चुनाव आयोग ने लगाई रोक, वजह कर देगी हैरान

आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पटपड़गंज से उम्मीदवार अवध ओझा की वोटर आईडी की देरी के कारण वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, जिससे उनकी नामांकन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

Delhi Election 2025

Awadh Ojha election dream: आम आदमी पार्टी के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पटपड़गंज विधानसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार Awadh Ojha की वोटर आईडी बनाने में हुई देरी उनकी चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने वोटर आईडी बनाने की आखिरी तारीख को 7 जनवरी से बदलकर 6 जनवरी कर दिया, जिससे ओझा के नामांकन पर संकट आ सकता है। केजरीवाल ने यह भी कहा कि यह पूरी प्रक्रिया राजनीति से प्रेरित हो सकती है, जिससे ओझा को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है।

अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि Awadh Ojha ने 26 दिसंबर को दिल्ली में वोटर आईडी के लिए आवेदन किया था, और 7 जनवरी को उन्होंने इसे ट्रांसफर करने के लिए भी आवेदन किया था। हालांकि, अब तक उनका वोटर आईडी कार्ड नहीं बना है। केजरीवाल ने इस देरी को चुनावी प्रक्रिया के खिलाफ करार देते हुए सवाल उठाया कि क्या यह सब जानबूझकर किया जा रहा है ताकि ओझा चुनाव नहीं लड़ सकें।

वोटर आईडी पर फंसा पेंच

अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग के फैसले को लेकर अपना विरोध जताया और कहा कि दिल्ली चुनाव आयोग ने पहले 7 जनवरी को वोटर आईडी बनाने की आखिरी तारीख निर्धारित की थी, लेकिन उसे 6 जनवरी कर दिया। इससे अवध ओझा का वोटर कार्ड नहीं बन पाया और उनकी चुनावी प्रक्रिया में मुश्किलें आ सकती हैं। केजरीवाल ने कहा कि अगर समय पर वोटर आईडी कार्ड नहीं बना तो ओझा अपना नामांकन नहीं कर पाएंगे, जो कि चुनाव आयोग की तरफ से जानबूझकर की गई एक बाधा हो सकती है। यह मुद्दा और भी महत्वपूर्ण बन जाता है, क्योंकि ओझा पटपड़गंज से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं, और इस सीट पर उनकी जीत पार्टी के लिए बेहद अहम हो सकती है।

जाट आरक्षण पर केंद्र को घेरा

इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल ने जाट आरक्षण मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को 2015 में एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें जाट समाज को ओबीसी कैटेगरी में शामिल करने का आग्रह किया था। इसके बावजूद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आश्वासन मिलने के बाद भी इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। केजरीवाल ने सवाल किया कि केंद्र सरकार कब जाट समाज को ओबीसी की सूची में डालेगी।

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