नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। महाराष्ट्र में शानदार जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी की नजर अब दिल्ली विधानसभा चुनाव पर है। 2025 के समर से ठीक पहले बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के विजयी रथ को रोकने के लिए खास प्लान तैयार किया। प्लान के तहत पार्टी की नजर 24 फीसदी पूर्वांचल वोटरों पर हैं। जिनको लेकर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल भी फुल एक्टिव हैं और उन्होंने बीजेपी पर पूर्वांचली वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में बीजेपी ने मनोज तिवारी के अलावा बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को दिल्ली में उनको उतार दिया है।
करीब 40 लाख पूर्वांचल वोटर्स
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का अभी एलान नहीं हुआ। पर राजनीतिक दलों के नेता लाव-लश्कर के साथ सियासी दंगल में उतर चुके हैं। अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी है तो वहीं कांग्रेस की भी पहली लिस्ट आ चुकी है। दिल्ली की सत्ता से दूर बीजेपी भी 2025 को लेकर रण में उतर चुकी है। पार्टी की नजर पूर्वांचल के 24 फीसदी मतदाताओं पर है। जिन्हें अपने पाले में लाने के लिए बीजेपी ने भोजपुरी एक्टर व सांसद मनोज तिवारी और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को जिम्मेदारी सौंपी है। बता दें, पूर्वांचल के लगभग 40 लाख वोटर दिल्ली की 17 से 20 विधानसभा सीटों पर असर डाल सकते हैं, इसलिए सभी पार्टियां उन्हें लुभाने में जुटी हैं।
जेडीयू-एलजीपी को मिल सकती हैं सीट
सूत्र बताते हैं कि बीजेपी दिल्ली विधानसभा चुनाव में एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू और एलजीपी को कुछ सीटें देने की योजना बनाई है। ताकि बिहार से जुड़ी ये सहयोगियों पार्टियों की वजह से पूर्वांचली वोटर बीजेपी से जुड़े। बीजेपी ना ही सिर्फ बिहार के उप मुख्यमंत्रियों को दिल्ली चुनाव प्रचार में उतरा रही है, बल्कि बिहार और पूर्वी यूपी से अपने कई वरिष्ठ सांसदों और नेताओं को भी मैदान में अरविंद केजरीवाल को काउंटर करने के लिए उतर रही है। बीजेपी के बड़े नेताओं की बैठक मनोज तिवारी और सम्राट चौधरी के साथ हो चुकी है और पूर्वांचल के वोटर्स को अपने पाले में लाने का प्लान भी बन गया है।
लिट्टी-चोखा पर चर्चा का अभियान
बीजेपी ने अपने पूर्वांचल मोर्चा समेत सभी मोर्चा को विधानसभाओं में पूर्वांचली वोटरों तक पहुंचने के लिए चाय पर चर्चा की तरह लिट्टी-चोखा पर चर्चा का अभियान तैयार किया है। अगले कुछ दिनों में यह अभियान शुरू किया जाएगा। पूर्वांचली वोटरों तक पहुंचने के लिए बीजेपी एक दर्जन योजना चलाने जा रही है। जिसमें बिहार और उत्तर प्रदेश से उसके राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के नेता बड़ी संख्या में शामिल होंगे। सूत्र बताते हैं कि चुनाव से ठीक पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी पूर्वांचल क्षेत्र में एक बड़ी रैली कर सकते हैं। बीजेपी ने जेडीयू और एलजीपी के नेताओं को भी दिल्ली चुनाव में लगाए जाने का प्लान बनाया है।
बीजेपी के ये महारथी खिलाएंगे फूल
बिहार और उत्तर प्रदेश से डेढ़ सौ से अधिक विधायक, सांसद, मंत्री और 25000 से अधिक बीजेपी के कार्यकर्ता विभिन्न कार्यक्रमों मसलन पूर्वांचली लाभार्थी संपर्क अभियान, पूर्वांचल स्वाभिमान सम्मेलन, पूर्वांचली सांस्कृतिक समिति संपर्क अभियान, पूर्वांचल समाज संवाद, पूर्वांचली मकर संक्रांति महोत्सव अभियान में शामिल होंगे। ये सभी कार्यक्रम बीजेपी के पूर्वांचल वोटर जोड़ों अभियान के तहत चलेगा। जानकार बताते हैं कि पिछले तीन विधानसभा चुनाव के वक्त पूर्वांचल का एक बड़ा वोटबैंक अरविंद केजरीवाल के साथ डटा रहा। ऐसे में बीजेपी ने इस खास वोटबैंक पर फोकस करना शुरू का दिया है।
पूर्वांचली कमल मित्र तैयार करेगी बीजेपी
बीजेपी सूत्रों का दावा है कि दिल्ली की 70 विधानसभाओं में से 17 विधानसभा पूर्वांचली बहुल है। इन विधानसभाओं में जीत-हार की चाबी पूर्वांचली वोटरों के हाथ है। इन विधानसभा क्षेत्रों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से संबंधित मतदाताओं की संख्या 30 से 50 प्रतिशत तक है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि साल 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव में अधिकांश पूर्वांचली मतदाताओं का समर्थन आम आदमी पार्टी को मिला था। इसलिए इस बार सियासी समीकरण बदलने का प्रयास किया जा रहा है। पार्टी प्रत्येक बूथ पर कम से कम पांच पूर्वांचली कमल मित्र तैयार करेगी। 1200 बैठकों के आयोजन का प्लान है।