Kalkaji News : दिल्ली के कालकाजी इलाके में स्थित भूमिहीन कैंप में अवैध निर्माण पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा ध्वस्तीकरण अभियान जारी है। इस अभियान में करीब 1200 झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है। यह कार्रवाई दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत की जा रही है। सुबह साढ़े पांच बजे से ही बुलडोजर कार्रवाई शुरू हो गई, जिसमें DDA की टीम के साथ बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस और अतिरिक्त सुरक्षा बलों के जवान मौके पर तैनात हैं। वर्तमान में करीब 5 बुलडोजर अभियान में लगे हुए हैं।
स्थानीय लोगों ने लगाया आरोप
कैंप में रह रहे लोगों का आरोप है कि उन्हें कोई पूर्व सूचना या समय नहीं दिया गया। उनका कहना है कि सुबह-सुबह अचानक तोड़फोड़ शुरू कर दी गई, जिससे वे पूरी तरह से बेखबर थे और समेटने का भी मौका नहीं मिला। दिल्ली की पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने मंगलवार को दावा किया था कि ध्वस्तीकरण से पहले इलाके में भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार गरीबों के सिर से छत छीन रही है।
आतिशी ने कहा, “आज जब झुग्गीवासी शांतिपूर्ण विरोध की योजना बना रहे थे, तो सरकार ने हजारों पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को मौके पर भेज दिया।” DDA ने अतिक्रमण हटाने के लिए झुग्गियों पर तीन दिन के भीतर खाली करने के नोटिस चिपकाए थे। इन नोटिसों में कहा गया था कि तय समय के भीतर जगह खाली नहीं की गई तो बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, निवासियों का कहना है कि नोटिस के बावजूद उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था या सही जानकारी नहीं दी गई।
सीएम रेखा गुप्ता पर उठे सवाल
आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को भी निशाने पर लिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “रेखा गुप्ता जी, आपने कहा था कि कोई झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी, फिर इतनी बड़ी संख्या में पुलिस और सीआरपीएफ बल क्यों तैनात हैं?” मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को बयान दिया था कि अदालत के आदेशों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती और विस्थापित लोगों को वैकल्पिक आवास की सुविधा दी जा रही है।
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पहले भी उठ चुकी है AAP की आवाज़
इससे पहले भी आम आदमी पार्टी ने दक्षिणी दिल्ली के बारापुला क्षेत्र में मद्रासी कैंप की झुग्गियों को ढहाने और अन्य इलाकों में चलाए गए इसी तरह के ध्वस्तीकरण अभियानों की आलोचना की थी। AAP का कहना है कि सरकार को पहले पुनर्वास सुनिश्चित करना चाहिए, उसके बाद ही किसी तरह की कार्रवाई करनी चाहिए।