CM Atishi: दिल्ली सरकार ने एक बार फिर श्रमिकों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। CM Atishi ने राज्य में न्यूनतम मजदूरी में भारी इजाफा करते हुए अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 18,066 रुपये प्रति महीना कर दी है। इससे पहले यह राशि 17,494 रुपये थी। इसी तरह, अर्धकुशल श्रमिकों को अब कम से कम 19,929 रुपये प्रति महीना मिलेंगे और कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 21,917 रुपये कर दी गई है।
क्या है न्यूनतम मजदूरी?
न्यूनतम मजदूरी वह न्यूनतम राशि है जो एक नियोक्ता को अपने किसी भी कर्मचारी को कानूनी रूप से भुगतान करनी होती है। यह एक तरह से मजदूरी की वह सीमा होती है, जिससे कम किसी भी कर्मचारी को भुगतान नहीं किया जा सकता है। भारत में राज्यों की सरकारें समय-समय पर न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करती हैं। इसका उद्देश्य है कि सभी कर्मचारियों को कम से कम एक निश्चित राशि मिले, चाहे वे किसी भी काम में लगे हों।
VIDEO | "Apart from the basic amenities of good electricity, water, schools and hospitals, Delhi government has done a historic job which was not possible in the entire nation, that is, to provide highest minimum wages. If you look at the minimum wages provided in the country,… pic.twitter.com/6lfIijXrUa
— Press Trust of India (@PTI_News) September 25, 2024
दिल्ली में सबसे अधिक न्यूनतम मज़दूरी
भारत में, दिल्ली और केरल में न्यूनतम मज़दूरी सबसे ज़्यादा है। दिल्ली सरकार लगातार न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़ाती रही है, जिससे राज्य के श्रमिकों को बड़ा लाभ मिल रहा है। इस नए फैसले से दिल्ली में लाखों श्रमिकों को सीधा लाभ होगा।
श्रमिकों में खुशी की लहर
न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी के फैसले से श्रमिकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। श्रमिकों का कहना है कि इस फैसले से उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा और वे अपने परिवार का बेहतर भरण-पोषण कर पाएंगे।
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सरकार का दावा
CM Atishi का कहना है कि यह फैसला श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का मानना है कि इस फैसले से राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह श्रमिकों के हित में एक अच्छा कदम है। हालांकि, विपक्ष ने यह भी कहा है कि सरकार को श्रमिकों के कल्याण के लिए और अधिक कदम उठाने चाहिए।
आगे का रास्ता
यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य राज्यों की सरकारें भी दिल्ली सरकार के नक्शेकदम पर चलते हुए अपने राज्य में न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी करती हैं या नहीं।