Ayushman Bharat Yojana : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आयुष्मान भारत योजना को लेकर केंद्र और दिल्ली की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू करना एक सकारात्मक कदम हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की जर्जर हालत को सुधारना भी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
अस्पतालों की खस्ताहाली पर सवाल
देवेंद्र यादव ने दिल्ली के अस्पतालों की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि इन अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। कई अस्पतालों में ऑपरेशन थियेटर काम नहीं कर रहे हैं, जरूरी दवाएं नहीं मिल रही हैं और जांच सुविधाएं लगभग न के बराबर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासनकाल में बनाए गए अस्पताल आम आदमी पार्टी सरकार की लापरवाही के कारण अब बदहाल हो चुके हैं। अब जब भाजपा सरकार सत्ता में आई है, तो उसे इस दिशा में भी ठोस और प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
क्या है आयुष्मान योजना का लाभ ?
देवेंद्र यादव ने आयुष्मान भारत योजना की सीमाओं को उजागर करते हुए कहा कि देश की लगभग 145 करोड़ की जनसंख्या के मुकाबले अब तक केवल 25 लाख आयुष्मान वंदना कार्ड ही बनाए गए हैं। इसके अलावा, पूरे देश में सिर्फ 32,000 अस्पताल ही इस योजना से जुड़े हैं, जिनमें से 14,000 से अधिक निजी अस्पताल हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इस स्थिति में जरूरतमंदों को योजना का लाभ कैसे मिलेगा?
उन्होंने कहा कि योजना की कड़ी शर्तों के चलते कई ज़रूरतमंद लोग लाभ से वंचित रह जाएंगे। यदि किसी के पास दोपहिया वाहन, टेलीविजन या पक्का मकान है, तो उसे योजना के दायरे से बाहर कर दिया जाता है। ऐसे में योजना का फायदा हर ज़रूरतमंद तक पहुंच ही नहीं सकता, जबकि भाजपा सरकार इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है।
“एक लाख कार्ड का लक्ष्य केवल भ्रम”
देवेंद्र यादव ने दिल्ली में एक लाख आयुष्मान कार्ड बनाने के लक्ष्य को ‘भ्रम पैदा करने वाला’ बताते हुए कहा कि राजधानी में 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों की संख्या 4 लाख से अधिक है। ऐसे में केवल एक लाख कार्ड बनाना बेहद अपर्याप्त है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि योजना में 60 वर्ष से अधिक आयु वालों को भी शामिल किया जाता है, तो लाभार्थियों की संख्या और अधिक बढ़ जाएगी।
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सरकार दे स्पष्ट जवाब
अंत में उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से यह स्पष्ट करने की मांग की कि दिल्ली में वास्तव में कितने लोगों को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा और सरकार इसका वित्तीय बोझ कैसे वहन करेगी। उन्होंने कहा कि जनता को भ्रमित करने के बजाय, सरकार को पारदर्शिता के साथ यह बताना चाहिए कि आयुष्मान योजना का लाभ कितने लोगों तक और किस तरह पहुंचेगा।