Delhi CM post: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा की जीत ने न केवल पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण प्रस्तुत किया है, बल्कि दिल्ली की राजनीति में भी एक नया अध्याय शुरू किया है। अब, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भाजपा Delhi CM post के लिए किसे चुनती है। यह निर्णय न केवल दिल्ली की राजनीतिक दिशा को प्रभावित करेगा, बल्कि भाजपा की राष्ट्रीय रणनीति पर भी गहरा असर डालेगा।
प्रमुख दावेदार
- प्रवेश वर्मा: जाट समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रवेश वर्मा नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराकर जीते हैं और मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। उनका जाट समुदाय से जुड़ाव उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण वोट बैंक बना सकता है। इसके अलावा, उनका राजनीतिक वंश भी उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है।
- वीरेंद्र सचदेवा: दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का नाम भी चर्चा में है। उनके पास पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को समझने और लागू करने का अनुभव है। खत्री समुदाय से आने के कारण, वे व्यापारी वर्ग में भी मजबूत पकड़ रखते हैं। हालांकि, प्रवेश वर्मा की तुलना में उनकी संभावना थोड़ी कम मानी जा रही है, लेकिन उनका संगठनात्मक कौशल उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बना सकता है।
- महिला नेतृत्व का महत्व: भाजपा की रणनीति में महिला उम्मीदवारों का नाम भी महत्वपूर्ण हो सकता है। रेखा गुप्ता और शिखा राय जैसे नेता महिला मतदाताओं के बीच समर्थन जुटाने में मदद कर सकते हैं। महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने का भाजपा का उद्देश्य पार्टी की सामाजिक छवि को भी मजबूत कर सकता है।
- ब्राह्मण और दलित समुदाय: दिल्ली में ब्राह्मण और दलित समुदाय का भी महत्वपूर्ण वोट बैंक है। यदि भाजपा अपने मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में ब्राह्मण नेता जैसे सतीश उपाध्याय या अनिल शर्मा को चुनती है, तो यह समुदाय विशेष रूप से भाजपा के लिए सहायक हो सकता है। दलित नेताओं को आगे बढ़ाने से पार्टी दलित मतदाताओं में अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है।
- सिख समुदाय का प्रभाव: दिल्ली की राजनीति में सिख समुदाय का भी एक मजबूत प्रभाव है। मनजिंदर सिंह सिरसा और अमरिंदर सिंह लवली जैसे नेता भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी हो सकते हैं। उनकी पहचान और सिख समुदाय के प्रति दृष्टिकोण भाजपा को एक राजनीतिक लाभ प्रदान कर सकता है।
- पूर्वांचल समुदाय का महत्व: पूर्वांचल समुदाय का भी दिल्ली में एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है। अभय वर्मा और सतीश उपाध्याय जैसे नेता इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं और भाजपा को पूर्वांचल समुदाय के वोटों की आवश्यकता महसूस हो सकती है।
जेपी नड्डा से मिल ये विधायक
दिल्ली के बीजेपी विधायकों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से एक के बाद एक मुलाकात की। अब तक करीब 15 विधायक सुबह से नड्डा से मिल चुके हैं, और शाम तक 10 से 15 और विधायक उनकी से मुलाकात करेंगे। बाकी विधायकों से बुधवार को मुलाकात जारी रहेगी। इन मुलाकातों में वन टू वन संवाद हो रहा है, जिसमें हर विधायक से फीडबैक लिया जा रहा है।
जेपी नड्डा से मिलने वाले विधायकों में अनील शर्मा, शिखा रॉय, सतीष उपाध्याय, अरविंदर सिंह लवली, विजेंद्र गुप्ता, अजय महावर, रेखा गुप्ता, कपिल मिश्रा, कुलवंत राणा और अनील गोयल शामिल हैं।
‘ट्रिपल इंजन’ सरकार का विचार
भाजपा के Delhi CM post चयन करते वक्त सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों का महत्व अत्यधिक होगा। जाट, खत्री, गुज्जर, दलित, सिख और पूर्वांचल समुदायों के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। भाजपा की ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार की अवधारणा के तहत, पार्टी को यह सुनिश्चित करना होगा कि मुख्यमंत्री न केवल दिल्ली का विकास कर सके, बल्कि भाजपा के राष्ट्रीय स्तर पर भी दबदबे को बनाए रखे।
Delhi CM post के लिए भाजपा के दावेदारों के बीच प्रवेश वर्मा सबसे प्रबल माने जा रहे हैं। उनकी राजनीतिक क्षमता, जाट समुदाय से जुड़ाव और उनके पिता का राजनीतिक वंश उन्हें इस पद के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार बनाता है। हालांकि, भाजपा की अप्रत्याशित रणनीति के कारण कोई नया चेहरा भी सामने आ सकता है। अंततः, भाजपा का निर्णय विभिन्न समीकरणों, सामाजिक संतुलन और पार्टी की राष्ट्रीय रणनीति के हिसाब से होगा, जो दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है।