कौन है वो आतंकी DR , जिसने आटा चक्की में यूरिया पीसकर तैयार किया बारूद, फिर केमिकल की चोरी कर बनाया बम

आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल के घर ऐसी ही आटा चक्की की मशीनें मिली हैं, जिससे वह यूरिया को पीछकर बारूद तैयार करता था। जांच एजेंसियों को शक है कि इन मशीनों का इस्तेमाल तबाही का सामान तैयार करने के लिए किया जा रहा था।

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली ब्लास्ट के बाद एनआईए की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। एनआईए ने हरियाणा के फरीदाबाद स्थित डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनी के एक ठिकाने पर छापा मारा। यहां से जांच एजेंसी को संगठित ‘व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल’ के खूनी प्लान के अहम सबूत मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल के घर ऐसी ही आटा चक्की की मशीनें मिली हैं, जिससे वह यूरिया को पीछकर बारूद तैयार करता था। जांच एजेंसियों को शक है कि इन मशीनों का इस्तेमाल तबाही का सामान तैयार करने के लिए किया जा रहा था।

आतंकी डॉक्टर के ठिकाने से मिली था विस्फोटक

दरअसल, जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनी को गिरफ्तार किया था। आतंकी डॉक्टर के ठिकाने से पुलिस को पहले 360 किलो और फिर 2700 किलो अमोनियम नाइट्रेट का जखीरा मिला था। आतंकी डॉक्टर ने एक घर पर आटा चक्की भी लगाई हुई थी। आतंकी इसी आटा चक्की के जरिए उर्वरक को पीसकर बारूद तैयार कर रहा था। मुजम्मिल के इस मिशन में डॉक्टर शाहीन और डॉक्टर उमर, डॉक्टर आदिल शामिल थे। शाहीन, मुजम्मिल और आदिल की गिरफ्तारी के बाद उमर ने दिल्ली में सुसाइड हमला कर 15 लोगों की जान ले ली थी।

मुजम्मिल ग्राइंडर से यूरिया पीसता था

आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल ने पूछताछ में कई राज उगले। एनआईए की टीम ने बुधवार की देर रात फरीदाबाद के गांव धोज में रह रहे एक टैक्सी ड्राइवर के घर से आटा चक्की और कुछ इलेक्ट्रिकल मशीन बरामद किया। आटा चक्की का इस्तेमाल डॉक्टर मुजम्मिल धोज में किराए पर लिए उसके कमरे में करता था, जहां से 9 नवंबर को जम्मू कश्मीर और फरीदाबाद की पुलिस ने 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक बरामद किया था। सूत्रों के मुताबिक, हॉस्टल के जिस कमरा नंबर 15 से विस्फोटक और आईडी का समान बरामद हुआ, यहीं पर मुजम्मिल ग्राइंडर से यूरिया पीसता था। एनआईए ने आतंकी डॉक्टर के ठिकाने से आटा चक्की के अलावा अन्य उपकरण बरामद किए हैं।

कैमिकल को मिलाकर विस्फोटक तैयार किया

पुलिस ने बताया कि इस मामले में फरीदाबाद के धौज इलाके से शब्बीर नाम के एक ड्राइवर को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है और उसके घर से ग्राइंडर, आटा पीसने की चक्की और कुछ इलेक्ट्रॉनिक मशीनें बरामद की है। इन मशीनों से मैटल को भी पीसा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इन मशीनों से डॉक्टर मुजम्मिल यूरिया पीसा करता था। इसके बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी से चुराए कैमिकल को मिलाकर विस्फोटक तैयार किया जाता था। सूत्रों ने बतायाा कि डॉक्टर मुजम्मिल की निशानदेही पर इस ड्राइवर को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में ड्राइबर ने आतंकी डॉक्टर के कई राज बताते हैं।

टैक्सी ड्राइवर के घर पर छापेमारी

ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि मुजम्मिल ड्राइवर के घर ये मशीन लेकर आया था और कहा था कि उसकी बहन की शादी के लिए गिफ्ट देने के लिए लाया है। बाद में इन मशीनों को वो धौज ले गया और होस्टल के कमरा नंबर 15 में रख लिया। सूत्रों की माने तो मुजम्मिल उस कमरे में यूरिया को आटा चक्की में पीसकर पहले बारीक करता था, फिर इलेक्ट्रिकल मशीन से उसको रिफाइन कर इकट्ठा करता था। साथ ही केमिकल तैयार करता था। सूत्रों के अनुसार, एनआईए की टीम को डॉक्टर मुजम्मिल ने पूछताछ में बताया कि वह काफी समय से यूरिया से अमोनियम नाइट्रेट को रिफाइंड करने के लिए आटा पीसने वाली चक्की का इस्तेमाल करता था। उसकी निशानदेही ही पर ही बुधवार रात टैक्सी ड्राइवर के घर पर छापेमारी की गई।

तब से वह डॉक्टर मुजम्मिल की संपर्क में आया

ये टैक्सी ड्राइवर मूल रूप से पलवल के असावटी का निवासी है। जानकारी के अनुसार, आटा चक्की और इलेक्ट्रिकल मशीन को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है। उसमें से अमोनियम नाइट्रेट के अंश को सैंपल के लिए अलग किए जाएंगे। टैक्सी ड्राइवर 20 साल से धोज गांव स्थित अपनी बहन के यहां रहता है। वह सैनिक कॉलोनी स्थित छोटे बच्चों के स्कूल के लिए कैब चलता है। सूत्रों के अनुसार टैक्सी ड्राइवर ने एनआईए को पूछताछ में बताया है कि करीब 4 साल उसके छोटे बेटे पर गर्म दूध गिर गया था। इससे वह झुलज गया और उसे गंभीर हालत में अल-फलाह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टर ने उसके बेटे का इलाज किया और तब से वह डॉक्टर मुजम्मिल की संपर्क में आया। इसके बाद दोनों में मुलाकात होने लगी।

फॉर्मूले और तकनीक के लिए कई वीडियो  भेजे गए

सूत्र बताते हैं कि इस आतंकी साजिश का प्लान पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने तैयार किया था। जैश के कमांडर मौलवी इरफान ने डॉक्टरों को आतंकी साजिश में शामिल किया। फिर फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए डॉक्टर मॉड्यूल तैयार किया गया। मॉड्यूल को बम बनाने के फॉर्मूले और तकनीक के लिए कई वीडियो भी भेजे गए थे। सूत्रों के मुताबिक, फरीदाबाद के धौज और फतेहपुर तगा में विस्फोटक जमा करने के साथ दिल्ली धमाके का कनेक्शन आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है। पाकिस्तान से जैश के हैंडलर ने डॉ. मुज्जमिल गनई और डॉ. उमर को बम बनाना सिखाने के लिए 40 से ज्यादा वीडियो भेजे थे।

दिल्ली धमाका भी इसी मॉड्यूल का हिस्सा

सूत्रों ने बताया, मुज्जमिल और उमर को जम्मू के शोपियां के रहने वाले मौलवी इरफान अहमद ने मिलवाया था। इसके बाद सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल तैयार किया था और कई डॉक्टरों को इससे जोड़ा गया। दिल्ली धमाका भी इसी मॉड्यूल का हिस्सा था। सूत्रों के अनुसार, जैश हैंडलर के भेजे वीडियो देखने के बाद डॉ. मुज्जमिल, उमर व उसके साथी यूरिया से विस्फोटक बनाने के लिए अमोनियम नाइट्रेट निकालने का काम करने लगे। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर पहुंचकर लैब, ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी वार्ड, जनरल वार्ड, इमरजेंसी का निरीक्षण किया। टीम अब रिपोर्ट तैयार कर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को भेजेगी। आशंका है कि लैब से केमिकल चोरी किया जा रहा था।

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