Delhi Govt to DU finance: दिल्ली सरकार ने 12 funded colleges के लिए ₹100 करोड़ की तीसरी तिमाही की किस्त जारी कर दी है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंधित हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने इस फैसले को मंजूरी देते हुए कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों को वित्तीय कुप्रबंधन का शिकार होने से बचाना है। इसके अलावा, Delhi Govt ने यह सुनिश्चित किया है कि शिक्षकों को समय पर वेतन, मेडिकल और पेंशन लाभ मिलें। वित्त वर्ष 2024-25 में इन कॉलेजों के लिए कुल बजट ₹400 करोड़ रखा गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। इस कदम का उद्देश्य दिल्ली में उच्च शिक्षा को बेहतर बनाना और छात्रों को बेहतरीन शिक्षा सुविधाएं प्रदान करना है।
बेहतरीन शिक्षा और समय पर लाभ देने पर ध्यान
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, Delhi Govt का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को बेहतरीन शिक्षा मिले और शिक्षकों को समय पर वेतन, मेडिकल और पेंशन लाभ मिलें। मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, “हम चाहते हैं कि शिक्षक परेशान न हों और उन्हें उनके सभी लाभ समय पर प्राप्त हों। इसी वजह से इन 12 कॉलेजों के लिए ₹100 करोड़ का फंड जारी किया गया है।”
वित्तीय कुप्रबंधन का समाधान
पिछले कुछ वर्षों में इन कॉलेजों में वित्तीय कुप्रबंधन से संबंधित कई मुद्दे सामने आए हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रबंधन की त्रुटियों के कारण न तो शिक्षकों और न ही छात्रों को नुकसान होना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारे शिक्षकों और छात्रों की भलाई सबसे पहले है। इसलिए, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शिक्षकों को उनके मेडिकल और पेंशन लाभ मिलें, जिन्हें वित्तीय कुप्रबंधन के कारण रोका गया था।”
दिल्ली विश्वविद्यालय के वित्तपोषित कॉलेज
दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 पूर्णत: वित्तपोषित कॉलेजों की सूची में निम्नलिखित कॉलेज शामिल हैं:
- आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज
- अदिति महाविद्यालय
- भगिनी निवेदिता कॉलेज
- भास्कराचार्य कॉलेज
- दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज
- डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज
- इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज
- केशव महाविद्यालय
- महाराजा अग्रसेन कॉलेज
- महर्षि वाल्मीकि कॉलेज
- शहीद राजगुरु कॉलेज
- शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज
दिल्ली सरकार की इस पहल से न केवल कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि शिक्षकों की जीवनशैली और सुविधाओं में भी सुधार आएगा। यह कदम दिल्ली के छात्रों और शिक्षकों के लिए एक उज्जवल भविष्य का संकेत है।