Delhi Metro Phase 5A: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को दिल्ली मेट्रो के बहुप्रतीक्षित फेज 5A विस्तार को औपचारिक मंजूरी दे दी है। इस महात्वाकांक्षी परियोजना के तहत लगभग 16 किलोमीटर लंबा नया ट्रैक बिछाया जाएगा, जिसमें 13 नए स्टेशन शामिल होंगे। 12,015 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना अगले तीन वर्षों में पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस विस्तार का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के प्रमुख व्यावसायिक और प्रशासनिक केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी को और अधिक सुलभ बनाना है। नए गलियारों से न केवल रोजाना सफर करने वाले 65 लाख यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि निजी वाहनों पर निर्भरता कम होने से राजधानी के प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की समस्या में भी बड़ी गिरावट आने की उम्मीद जताई गई है।
#UnionCabinet approves Delhi Metro Rail Project Phase-VA.
The Delhi Metro Rail Project VA will span 16 kilometres and include 13 stations.
New Corridors:
• R K Ashram to Indraprastha
• Aerocity to Airport Terminal 1
•Tughlakabad to Kalindi Kunj@AshwiniVaishnaw… pic.twitter.com/twEyJ83Zgf— SansadTV (@sansad_tv) December 24, 2025
परियोजना का विस्तार और महत्वपूर्ण गलियारे
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान बताया कि फेज 5A के तहत कुल 13 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें 10 भूमिगत (Underground) और 3 ऊंचे (Elevated) स्टेशन होंगे। इस विस्तार के बाद दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 400 किलोमीटर के आंकड़े को पार कर जाएगा, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े शहरी परिवहन तंत्रों में से एक बनाए रखेगा।
परियोजना को तीन मुख्य हिस्सों में बांटा गया है:
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रामकृष्ण आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ: 9.9 किमी का यह हिस्सा ₹9,570.4 करोड़ की लागत से बनेगा।
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एयरोसिटी से एयरपोर्ट टर्मिनल-1: 2.3 किमी का ट्रैक ₹1,419.6 करोड़ की लागत से तैयार होगा।
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तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज: 3.9 किमी का यह विस्तार ₹1,024.8 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा।
वित्तीय ढांचा और प्रभाव
इस Delhi Metro विशाल परियोजना के लिए फंडिंग का मॉडल केंद्र और राज्य की भागीदारी पर आधारित है। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार प्रत्येक ₹1,759 करोड़ का योगदान देंगी। शेष राशि, जो लगभग ₹5,000 करोड़ है, ऋण (Loan) के माध्यम से जुटाई जाएगी।
यह Delhi Metro विस्तार न केवल यात्रियों के समय की बचत करेगा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख इलाकों जैसे नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद के बीच निर्बाध आवाजाही को और मजबूती प्रदान करेगा। 3 साल की समयसीमा के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य सरकार की बुनियादी ढांचे को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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