Mohalla Clinic Scam: आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य पहल, मोहल्ला क्लीनिक, अब भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोपों में घिर गई है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट में क्लीनिकों में भारी वित्तीय अनियमितताओं और मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं न मिलने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 70% मरीजों को एक मिनट से कम समय का परामर्श दिया गया, और कई क्लीनिकों में बुनियादी उपकरणों की कमी पाई गई। साथ ही, 2023 में करीब 65,000 “भूतिया मरीजों” के नाम पर फर्जी जांचें कर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने का मामला भी सामने आया है। इस घोटाले की गूंज दिल्ली की सियासत में सुनाई दे रही है, और अब नई सरकार ने जांच का आदेश दे दिया है।
मरीज और फर्जी जांचों का खुलासा
CAG रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2023 से दिसंबर 2023 के बीच दो निजी लैब – एगिलस डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड – को आउटसोर्स किए गए परीक्षणों में से 65,000 से अधिक फर्जी पाए गए। इन लैब्स को दिल्ली सरकार ने ₹4.63 करोड़ का भुगतान किया, लेकिन जांच में सामने आया कि हजारों मामलों में मरीजों के फोन नंबर या तो खाली थे, “0000000000” दर्ज थे, या फिर एक ही नंबर सैकड़ों बार दोहराया गया था। टेलीफोन वेरिफिकेशन के दौरान पाया गया कि 63% मरीजों ने कभी क्लीनिक का दौरा ही नहीं किया था।
इसके अलावा, CAG ने खुलासा किया कि डॉक्टर वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे, जबकि गैर-मेडिकल स्टाफ ने मरीजों के नाम पर मनगढ़ंत जांचें लिखीं। रिपोर्ट में कहा गया कि लैब मैनेजमेंट सिस्टम (LIMS) पर पूरी तरह निजी लैब्स का नियंत्रण था, जिससे वे आंकड़ों में हेरफेर कर सकती थीं।
स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत
CAG ऑडिट में 81 Mohalla Clinic के निरीक्षण में पाया गया कि 74 में गंभीर कमियां थीं। 18 क्लीनिकों में थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर जैसे बुनियादी उपकरण नहीं थे। स्वास्थ्य बजट का सही इस्तेमाल नहीं हुआ – ₹2,623 करोड़ का फंड खर्च नहीं किया गया, जबकि मरीजों को जरूरी सुविधाएं भी नहीं मिलीं। 2016-2023 के बीच निर्माण कार्य के लिए आवंटित ₹35.16 करोड़ में से केवल 28% रकम ही उपयोग हुई।
AAP सरकार का दावा था कि मार्च 2017 तक 1,000 मोहल्ला क्लीनिक बनाए जाएंगे, लेकिन मार्च 2023 तक केवल 523 क्लीनिक ही चालू हो सके। CAG रिपोर्ट ने AAP की स्वास्थ्य नीति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
नई सरकार की कार्रवाई
भाजपा की नई दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह के नेतृत्व में व्यापक जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने Mohalla Clinic को “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” के रूप में रीब्रांड करने और भ्रष्टाचार मुक्त स्वास्थ्य सेवाएं देने की घोषणा की है।
इस Mohalla Clinic घोटाले के बाद विपक्षी दलों ने AAP पर तीखा हमला बोला है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि मोहल्ला क्लीनिक सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के लिए बनाए गए थे, जबकि AAP ने नौकरशाही पर दोष मढ़ते हुए खुद को निर्दोष बताया है।
CAG रिपोर्ट के बाद इस बहुचर्चित योजना की साख पर सवाल उठने लगे हैं। अब दिल्ली के नागरिकों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार इन क्लीनिकों को सुधारकर जनता का खोया विश्वास वापस पा सकेगी, या यह घोटाला राजनीति का नया मुद्दा बनकर रह जाएगा।