Delhi name change: नाम बदलने की बहस… बीजेपी के नए प्रस्ताव से उठे सवाल! क्या होगा नया नाम?

दिल्ली में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद मुस्तफाबाद, मोहम्मद पुर और नजफगढ़ जैसे इलाकों का नाम बदलने की प्रक्रिया तेज हो गई है। बीजेपी विधायक इस मुद्दे पर विधानसभा में लगातार प्रस्ताव पेश कर रहे हैं।

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Delhi name change: दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद उन स्थानों का नाम बदलने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ने लगी है, जिनका वादा पार्टी ने चुनावों के दौरान किया था। इस प्रक्रिया में मुस्तफाबाद, मोहम्मद पुर और नजफगढ़ जैसे प्रमुख इलाके शामिल हैं। बीजेपी ने पहले ही घोषणा की थी कि यदि पार्टी सत्ता में आई तो मुस्तफाबाद का नाम बदला जाएगा, लेकिन अब इस लिस्ट में नजफगढ़ और मोहम्मद पुर भी शामिल हो गए हैं। इन बदलावों को लेकर स्थानीय नेताओं की ओर से लगातार मांगें उठाई जा रही हैं।

बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि उनकी सरकार बनने पर मुस्तफाबाद का नाम बदला जाएगा। उनके इस वादे के बाद अब इस मुद्दे पर कार्रवाई की दिशा तय की जा रही है। इसके साथ ही, विधायक नीलम पहलवान ने नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़ करने की मांग विधानसभा में उठाई। उन्होंने कहा, “हमारी विधानसभा दिल्ली देहात की है और यह हरियाणा की सीमा से जुड़ी हुई है। मुगल सम्राट शाह आलमगीर के शासन में नजफगढ़ पर अत्याचार हुआ था। 1857 की क्रांति में राजा नाहर सिंह ने नजफगढ़ को दिल्ली में शामिल किया था, लेकिन कागजी कार्रवाई के बाद भी नाम नहीं बदला गया।”

नीलम पहलवान ने आगे कहा कि पहले भी सांसद प्रवेश वर्मा ने नाहरगढ़ नामकरण की मांग की थी, और अब वे उम्मीद करती हैं कि दिल्ली सरकार उनके इस प्रयास का समर्थन करेगी। उन्होंने विधानसभा में इस मुद्दे पर सीएम और अन्य नेताओं से सहयोग की अपील की।

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वहीं, बीजेपी विधायक अनिल शर्मा ने मोहम्मद पुर का नाम बदलने का प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने कहा, “हमारे गांव का नाम मोहम्मद पुर है, जिसे पहले निगम द्वारा माधवपुरम में बदलने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन यह प्रस्ताव लंबे समय से लटका हुआ था। अब, जब हमारी पार्टी सत्ता में आई है, तो हम इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करेंगे।” उनका कहना था कि गांववाले भी माधवपुरम नाम की पक्ष में हैं।

बीजेपी विधायक अपने-अपने इलाकों में नाम बदलाव की मांग को लेकर मुखर हो गए हैं, और अब देखना यह होगा कि दिल्ली सरकार इन बदलावों को कितनी जल्दी लागू करती है।

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