Delhi pollution: देशभर में सर्दी बढ़ने के साथ ही राजधानी दिल्ली का प्रदूषण स्तर भी खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। शुक्रवार को जहां औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 394 दर्ज हुआ था, वहीं शनिवार को यह बढ़कर 420 के पार हो गया। यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए बेहद चिंताजनक है। सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपायों के बावजूद हालात में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस मुद्दे पर कड़े कदम उठाने का निर्देश (Delhi pollution) दिया है। वहीं, ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत लागू चौथे चरण के बावजूद ट्रकों की एंट्री को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। दिल्ली सरकार का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण में केंद्र और अन्य राज्यों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
दिल्ली में AQI खतरनाक स्तर पर
शनिवार को दिल्ली का AQI 420 दर्ज किया गया, जो बेहद खतरनाक माना जाता है। यह वृद्धि शुक्रवार की तुलना में अधिक है, जब AQI 394 दर्ज हुआ था। GRAP-4 लागू होने के बाद केवल BS-6 मानक वाले डीजल ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति है। शुक्रवार देर रात, दिल्ली के पर्यावरण (Delhi pollution) मंत्री गोपाल राय ने सिंघु बॉर्डर का निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने पाया कि कुछ गाड़ियां नियमों का उल्लंघन करते हुए दिल्ली में प्रवेश कर रही थीं। उन्होंने दिल्ली पुलिस को सख्ती बरतने और हर ट्रक की जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रदूषण पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
गोपाल राय ने केंद्र और पड़ोसी राज्यों पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा की सरकारें हैं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। उन्होंने कहा कि दिल्ली अकेले कितना प्रयास करेगी। राय ने बताया कि रोज करीब 150 ट्रक सिंघु बॉर्डर से वापस लौटाए जा रहे हैं। बावजूद इसके, बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाना चुनौती बना हुआ है।
केंद्र सरकार से क्लाउड सीडिंग की अपील
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के स्थायी समाधान के लिए क्लाउड सीडिंग की (Delhi pollution) अनुमति मांगी थी, लेकिन अब तक इस पर कोई जवाब नहीं मिला। गोपाल राय ने केंद्र से अपील करते हुए कहा कि यह समय है कि केंद्र सरकार जागे और प्रदूषण नियंत्रण में मदद करे। उन्होंने बताया कि दिल्ली में सीएनजी गाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है और अन्य उपायों पर भी काम चल रहा है।
दिल्ली में गिरते तापमान और बढ़ते प्रदूषण ने हालात और गंभीर कर दिए हैं। यह समय है कि सभी सरकारें मिलकर काम करें ताकि दिल्ली को इस संकट से उबारा जा सके।