Delhi Secretariat Sealed: दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) की अप्रत्याशित हार के बाद, उपराज्यपाल (एलजी) के आदेश पर दिल्ली सचिवालय को सील कर दिया गया है। यह कदम दिल्ली सरकार की विवादास्पद शराब नीति घोटाले के बीच उठाया गया है, जिसके चलते राजधानी में राजनीतिक हलचल मची हुई है। एलजी के आदेश के बाद, सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सचिवालय परिसर से किसी भी दस्तावेज या कंप्यूटर हार्डवेयर को बिना अनुमति के नहीं निकाला जा सकता। इस कदम को एक संवेदनशील राजनीतिक स्थिति में सरकारी रिकॉर्ड की सुरक्षा के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
शराब नीति विवाद
Delhi Secretariat को सील करने को कई लोग शराब नीति घोटाले से जोड़कर देख रहे हैं। इस मामले में आप के नेताओं, खासकर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि शराब नीति में गड़बड़ी कर कुछ शराब व्यापारियों को फायदा पहुंचाया गया और धन की हेराफेरी की गई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों इस मामले की जांच कर रहे हैं, और इन दोनों एजेंसियों ने आप को आरोपी ठहराया है।
ईडी द्वारा पेश किए गए आरोपपत्र में, आप को पहली बार एक राजनीतिक दल के रूप में आरोपित किया गया है, जिससे पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के बीच विवाद और तीव्र हो गया है। आप नेताओं का कहना है कि यह जांच राजनीतिक साजिश का हिस्सा है, जो उनकी पार्टी की छवि को धूमिल करने और आगामी चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास है।
एक एहतियाती कदम या राजनीतिक चाल?
Delhi Secretariat को सील करने के निर्णय को कुछ लोग एहतियाती कदम मानते हैं, ताकि शराब नीति से संबंधित किसी भी दस्तावेज़ या साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ न हो सके। वहीं, इसके आलोचक इसे अतिशयोक्ति और प्रशासनिक विश्वास की कमी का संकेत मानते हैं। इस विवाद ने दिल्ली में राजनीति, प्रशासन और कानून व्यवस्था के बीच संबंधों पर सवाल उठाए हैं। भाजपा ने आरोप लगाया है कि आप भ्रष्टाचार में लिप्त है, जबकि आप ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है।
आने वाले दिनों में यह देखा जाएगा कि नई सरकार इन आरोपों से कैसे निपटेगी और क्या सचिवालय के सील होने के बाद कोई कानूनी या प्रशासनिक कदम उठाया जाएगा।
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