दिल्ली में 7 साल का सबसे जहरीला प्रदूषण, सांस लेना हो गया मुश्किल

दिल्ली में AQI 400 पार, 7 साल का सबसे खराब प्रदूषण। कारण, स्वास्थ्य असर, GRAP-4 उपाय और समाधान। आनंद विहार, नजफगढ़ जैसे इलाकों में हालात गंभीर।

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर पहुंच गया है, जो पिछले 7 सालों का सबसे खराब स्तर है। सर्दियों के कारण ठहराव, पराली जलाना और वाहनों के धुएं ने राजधानी को गैस चैंबर बना दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और फेफड़े के रोगियों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।

AQI 400 का मतलब और स्थिति

AQI 400 ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है, जहां हवा में PM2.5 और PM10 कण घातक स्तर पर हैं। दिल्ली के कई इलाकों जैसे आनंद विहार (450+), नजफगढ़ (420) और मयूर विहार में AQI 400 पार कर गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, यह 2018 के बाद सबसे बुरा प्रदूषण है। ठंडी हवाओं के अभाव में प्रदूषक नीचे जम जाते हैं।

मुख्य कारण

स्वास्थ्य पर घातक असर

WHO के अनुसार, AQI 400 पर सांस लेना 50 गुना ज्यादा जहरीला है। फेफड़ों में सूजन, अस्थमा अटैक, हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा। AIIMS ने 30% ओपीडी मरीज प्रदूषण से प्रभावित बताए। बच्चे, गर्भवती महिलाएं और COPD रोगी सबसे ज्यादा खतरे में। लंबे समय में कैंसर, स्ट्रोक का जोखिम।

GRAP-4 लागू 

भविष्य में स्थायी समाधान जरूरी

दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन, मेट्रो विस्तार और ग्रीन हाइड्रोजन पर फोकस किया। पराली के लिए बायो-डीकंपोजर और सब्सिडी। केंद्र ने NCAP के तहत ₹8000 करोड़ दिए। लेकिन 7 साल बाद भी AQI 400 का सामना दर्शाता है कि प्रयास अपर्याप्त हैं।

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