Farmer Protest : किसानों का आंदोलन शंभू बॉर्डर पर पिछले कई दिनों से जारी है। इस दौरान एक गंभीर खबर सामने आई है, जिसमें किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सदस्य रेशम सिंह ने आत्महत्या करने की कोशिश की। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें राजपुरा सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. रेशम सिंह, जो तरनतारन जिले के निवासी हैं, पिछले कुछ समय से शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल थे। हाल ही में, उन्होंने सल्फास की गोलियां खा लीं, जिसके बाद उनकी तबीयत अत्यंत बिगड़ गई.
पिछले कई दिनों चल रहा है आंदोलन
किसानों ने सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर उनके मार्च को रोकने के कारण 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर अपना डेरा जमाया है। इससे पहले, वे 13 और 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करने का प्रयास कर चुके थे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोका। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संघर्ष के दौरान, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने मिलकर 101 किसानों के साथ दो बार पैदल दिल्ली जाने का प्रयास किया था, लेकिन हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने आगे बढ़ने नहीं दिया। इससे दोनों पक्षों के बीच टकराव जैसे हालात उत्पन्न हुए, जिसमें आंसू गैस का उपयोग कर कई किसान घायल हुए।
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क्या हैं किसानों की प्रमुख मांगें ?
किसान आंदोलन की प्रमुख मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी शामिल है। इसके अलावा, वे कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में वृद्धि न करने, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही, वे भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करने और 2020-21 के पिछले आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई, उनके परिवारों को मुआवजा देने की भी माँग कर रहे हैं. इस प्रकार, किसान आंदोलन की स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है, और रेशम सिंह की आत्महत्या की कोशिश इस आंदोलन की विकटता को दर्शाती है।