एनसीआर में तेज सफर की तैयारी: गुरुग्राम–ग्रेटर नोएडा RRTS कॉरिडोर की डीपीआर हुई तैयार

गुरुग्राम–ग्रेटर नोएडा RRTS कॉरिडोर एनसीआर के दो बड़े आर्थिक और आवासीय हब को हाई-स्पीड ट्रांजिट से जोड़ेगा, जिससे दिल्ली पर ट्रैफिक और यात्रियों का बोझ कम होने की उम्मीद है।

एनसीआर में तेज़ और सुविधाजनक पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के सपने को एक और रफ्तार मिली है। गुरुग्राम से ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले RRTS कॉरिडोर की डीपीआर एनसीआरटीसी द्वारा तैयार कर सरकार को सौंप दी गई है।

प्रस्तावित कॉरिडोर की अहमियत

गुरुग्राम–ग्रेटर नोएडा RRTS कॉरिडोर एनसीआर के दो बड़े आर्थिक और आवासीय हब को हाई-स्पीड ट्रांजिट से जोड़ेगा, जिससे दिल्ली पर ट्रैफिक और यात्रियों का बोझ कम होने की उम्मीद है। इस कॉरिडोर के शुरू होने से आईटी पार्क, इंडस्ट्रियल एरिया, कॉर्पोरेट ऑफिस और रेजिडेंशियल टाउनशिप के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे रोज़ाना लाखों यात्रियों को फायदा मिल सकता है।

डीपीआर सौंपे जाने के बाद अगला कदम

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) द्वारा तैयार की गई डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) में रूट एलाइमेंट, अनुमानित लागत, स्टेशन लोकेशन, यात्री अनुमान और निर्माण चरणों जैसे तकनीकी व वित्तीय पहलुओं का उल्लेख किया गया होगा। अब संबंधित राज्य सरकारें और केंद्र सरकार इस DPR का परीक्षण कर औपचारिक स्वीकृति, फंडिंग मॉडल और निर्माण टाइमलाइन पर फैसला करेंगी।

यात्रा समय और सुविधा में बड़ा बदलाव

आरआरटीएस कॉरिडोर चालू होने के बाद गुरुग्राम से ग्रेटर नोएडा के बीच यात्रा समय में भारी कमी आ सकती है, जो फिलहाल सड़क मार्ग और ट्रैफिक जाम की वजह से लंबे समय लेती है। एयर-कंडीशन्ड, हाई-स्पीड ट्रेनें, तय समय पर सर्विस और इंटरचेंज स्टेशनों के ज़रिए मेट्रो व दूसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट से कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे निजी वाहनों पर निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी।

एनसीआर के विकास पर संभावित असर

इस कॉरिडोर से रियल एस्टेट, रोजगार, शिक्षा और हेल्थकेयर सुविधाओं तक पहुंच आसान होने के कारण पूरी पट्टी में नए आर्थिक कॉरिडोर विकसित होने की संभावना मजबूत होगी। बेहतर कनेक्टिविटी से एनसीआर के भीतर मल्टी-सिटी वर्क-कल्चर को सपोर्ट मिलेगा, जहां लोग एक शहर में रहकर दूसरे शहर में सुविधाजनक तरीके से नौकरी या बिज़नेस कर सकेंगे।

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