नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। वह निडर योद्धा हैं। जांबाजी में लेडी आईएएस अफसर डॉक्टर मधु रानी तेवतिया की गिनती होती है। अपने काम पर तेज, इमानदारी कूट-कूट कर भरी। आईपीएस से शादी की। पति भी खाकी की शान थे। पहली पोस्टिंग के दौरान जांबाज ‘सुपरकॉप’ खनिज माफियाओं के खिलाफ मैदान में उतरे। बेलगाम अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया। तभी खूंखार माफियाओं ने टैक्ट्रर ट्रॉली के कुचल कर आईपीएस नरेंद्र कुमार सिंह की हत्या कर दी। पति जब शहीद हुए तब मधु रानी प्रेग्नेंट थीं। पति की हत्या की खबर सुनकर वह बदहवास हो गई और अंतिम संस्कार में शामिल हुई थीं। कुछ माह के बाद उन्होंने बेटे को जन्म दिया और दोबारा नौकरी में वापस आई। पति के हत्यारों को सजा दिलाने को लेकर लड़ी। अब आईएएस मधु रानी दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता की सचिव बनाई गई हैं।
सीएम रेखा गुप्ता की सचिव बनी मधु रानी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली। 27 साल के बाद प्रदेश में कमल का फूल खिला तो बीजेपी हाईकमान ने सूबे की कमान रेखा गुप्ता के हाथों में सौंपी। शपथ के बाद सीएम रेखा गुप्ता ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए और ब्यूरीकेसी में भी बदलाव कर रही हैं। इसी कड़ी में एमपी कैडर के शहीद आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह की पत्नी डॉक्टर मधु रानी तेवतिया को दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता का सचिव बनाया गया है। लेडी आईएएस अफसर मधु रानी गुप्ता ने अपनी जिंदगी में काफी संघर्ष किया है। अ बवह दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के साथ मिलकर प्रदेश को संवारेंगी। यमुना को साफ करने के अलावा सड़क, पेयजल समेत अन्य समस्याओं के निराकरण में अपना अहम किरदार निभाएंगी।
कौन हैं आईएएस डॉ मधु रानी तेवतिया
आईएएस अफसर डॉक्टर मधु रानी तेवतिया 2008 बैच की आईएएस हैं। वह होमियोपैथ की डॉक्टर रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के नेहरू होमियोपैथ मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल से बीएचएमस की है। इसके बाद आईआईटी मद्रास से एमबीए की थीं। फिर 2004-2005 तक जूनियर रेजिडेंट के तौर पर दिल्ली स्थित डिफेंस अस्पताल में नौकरी कीं। 2006-2007 तक रक्षा मंत्रालय में वह लेफ्टिनेंट रहीं। उनकी तैनाती आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में थी। 2008 में आईएएस बनने के बाद 2009 में एमपी में पोस्टिंग हुई। 2009-2012 तक एमपी के जबलपुर, जौरा, रतलाम, राजगढ़ और ग्वालियर में तैनात रहीं।
एडिशनल सीईओ नेशनल हेल्थ ऑथरिटी में सीईओ
कैडर ट्रांसफर होने के बाद आईएएस डॉ मधु रानी 2012-2014 तक दिल्ली जल बोर्ड, शिक्षा विभाग समेत अन्य जगहों पर तैनात रहीं। 2014-2017 तक डॉ मधु रानी तेवतिया नॉर्थ दिल्ली, साउथ वेस्ट दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली की डीसी रहीं। 2017-2019 तक अरुणाचल प्रदेश सरकार में सेक्रेटरी रहीं। 2019 से 2021 तक भारत सरकार में काम कीं। 2021-2022 तक केंद्रीय हाउसिंग और अर्बन अफेयर में लैंड एंड डेवलपमेंट अफसर रहीं। दिसंबर 2022-2024 तक स्वच्छ भारत मिशन में डायरेक्टर थीं। अभी वह एडिशनल सीईओ नेशनल हेल्थ ऑथरिटी में थीं।
होली की दिन हुई थी पति की हत्या
दरअसल, दिल्ली सीएम की सचिव डॉ मधु रानी तेवतिया पहले एमपी कैडर की आईएएस अधिकारी थीं। उनके पति आईपीएस नरेंद्र कुमार सिंह भी एमपी कैडर के अधिकारी थे। नरेंद्र कुमार सिंह की पोस्टिंग मुरैना जिले में बतौर एसडीओपी थी। वहीं, डॉ मधु रानी तेवतिया की तैनाती ग्वालियर में थी। आठ मार्च को होली के दिन आईपीएस नरेंद्र कुमार के सरकारी आवास में जश्न की तैयारी थी। ड्यूटी के दौरान रेत माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी। इसके बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था।
दिल्ली में बच्चे को दिया जन्म
जब आईपीएस पति की हत्या हुई थी, उस समय आईएएस अफसर मधु रानी तेवतिया प्रेग्नेंट थीं। इसकी वजह से वह मैटरनिटी लीव पर थीं। पति की हत्या के बाद मधु पहुंची थीं। अंतिम संस्कार के बाद वह अलीगढ़ स्थित ससुराल गईं। ससुराल में सिर्फ लिविंग रूम के अंदर दीवारों पर टंगी शादी की तस्वीरों को देखा और चेकअप के लिए अस्पताल चली गईं। पति की हत्या आठ मार्च को हुई थी और डॉ मधु रानी ने 20 मार्च 2012 को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बच्चे को जन्म दी थीं। उन्हें बेटे हुआ था। तस्वीरों के साथ डॉ मधु रानी तेवतिया के पास पति की निशानी के रूप में बेटा ही है। उसी के सहारे वह जिंदगी में आगे बढ़ रही हैं।
तब शहीद के पिता ने कहा था
आईपीएस नरेंद्र कुमार की हत्या तब हुई थी, जब उनके दादा गंगा चरण, लंबे समय के बाद अपने पोते से मिलने आये थे। यह उनके लिए एक विशेष अवसर था और परिवार एक साथ होली मनाने के लिए उत्सुक था। हालांकि, नियति को कुछ और ही मंजूर था। वहीं, आईपीएस नरेंद्र कुमार के पिता, केशव देव, जो अलीगढ़ में एक सब-इंस्पेक्टर थे। उन्होंने उस समय कहा था कि मेरा बेटा एक ईमानदार पुलिस अधिकारी था और कई बार खनन माफिया द्वारा रिश्वत की पेशकश के बावजूद, वह अवैध खनन को रोकने की कोशिश कर रहा था। यही कीमत उसे चुकानी पड़ी।
वालियर स्थानांतरित कर दिया गया
ग्वालियर में तैनात आईएएस अधिकारी डॉ मधु रानी तेवतिया पति की हत्या के समय दिल्ली में थीं। वह मैटरनिटी लीव पर थीं। तेवतिया के पिता एसपी सिंह दिल्ली पुलिस में थे। तेवतिया ने पति की हत्या के बाद न्याय की लड़ाई लड़ने की कसम खाई थी। परिवार ने उस समय आरोप लगाया था कि तेवतिया को भी निशाना बनाया गया है और सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु का पुरस्कार जीतने के बावजूद, उन्हें जबलपुर से ग्वालियर स्थानांतरित कर दिया गया।
एमपी कैडर की आईएएस अफसर हैं मधुरानी
आईपीएस नरेंद्र कुमार सिंह को पहले बिहार कैडर मिला था। पत्नी एमपी कैडर में थी। इसकी वजह से उन्होंने कैडर ट्रांसफर करवाया था। हत्या से 45 दिन पहले ही मुरैना में उनकी पोस्टिंग हुई थी। अलीगढ़ स्थित लालपुर गांव से उनका जुड़ाव था। आईपीएस बनने के बाद भी गांव आते जाते रहते थे। पत्नी डॉ मधु रानी तेवतिया भी गांव आती थीं। , पति की हत्या के बाद डॉ मधु रानी तेवतिया के ससुर शव देव ने कहा था कि वह एक मजबूत महिला है और उसने कसम खाई है कि वह सुनिश्चित करेगी कि उसके पति को न्याय मिले।