नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के 44 महीने के कार्यकाल में हालात ऐसे बन गए हैं कि उम्मीदें अब खौफ में तब्दील हो गई हैं। इमरान अपनी कुर्सी भी गंवा सकते हैं। इतना ही नहीं, विकास के सपने दिखाकर सत्ता में आए इमरान खान अपने पीएम बनने से पहले से भी बुरी स्थिति में पाकिस्तान को पहुंचाते दिख रहे हैं।
अब इमरान खान की कुर्सी पर ख़तरा मडरा रहा है। विपक्षी दलों ने पाक संसद के लिए अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। पीएमएल-एन की ओर से मरियम औरंगजेब ने कहा कि विपक्ष के वरिष्ठ सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने नेशनल असेंबली सचिवालय में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। राणा सनाउल्लाह, अयाज सादिक, शाजिया मारी और मरियम औरंगजेब सहित विपक्षी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के इस्लामाबाद में संसद भवन पहुंचने के बाद उनकी तरफ ये पुष्टि की गई है।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली अस्पष्ट राजनीतिक हालात के बीच विपक्ष ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। अब इमरान खान को बहुमत सिद्ध करना होगा। दरअसल 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के 155 सदस्य हैं और सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है। हालांकि पाकिस्तान में सत्ता का नंबर गेम का हाल देखें तो इमरान को पहले 176 सांसदों का समर्थन हासिल था, लेकिन 24 सांसदों के बागी होने के बाद अब इमरान सरकार के साथ 152 सांसद ही खड़े हैं। यानी 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में इमरान खान बहुमत के 172 के आंकड़े से काफी पीछे हैं।
उधर, विपक्षी पार्टियों को भरोसा है कि उन्हें सरकार को गिराने के लिए 342 के सदन में 172 सदस्यों का समर्थन मिल सकता है, जबकि सरकार का दावा है कि उसे इस प्रयास को विफल करने के लिए सदन में जरूरी समर्थन प्राप्त है।
क्यों खतरे में है इमरान सरकार
इसके कई बड़े कारण है। जिसमें पकिस्तान का आर्थिक मोर्चे पर नाकाम होना, मजबूत एकजुट विपक्ष के सामने इमरान खान का अकेले पड़ना और सेना का उनकी सरकार से हाथ पीछे खींचना मुख्य वजह बनी है।