New Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) द्वारा दायर एक याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह याचिका गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस से कमर्शियल उड़ानों की अनुमति देने के सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए दायर की गई थी। DIAL जो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGIA) का संचालन करता है ने तर्क दिया है कि हिंडन एयरपोर्ट से उड़ानों की अनुमति भारतीय विमानन नियमों का उल्लंघन है। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को तीन हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और आगे की सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख तय की।
हिंडन एयरपोर्ट का नागरिक उपयोग
हिंडन एयरबेस जो मूल रूप से एक सैन्य हवाई अड्डा है उसको सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना (उड़ान) के तहत नागरिक उपयोग के लिए खोला गया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा संचालित यह टर्मिनल 22,050 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और एक घंटे में 300 यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है। यहां यात्रियों की सुविधा के लिए आठ चेक-इन काउंटर और दो कन्वेयर बेल्ट उपलब्ध हैं।
एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 1 मार्च 2025 से हिंडन एयरपोर्ट से कमर्शियल उड़ानें शुरू कर दी हैं। एयरलाइन अब कोलकाता, बेंगलुरु, गोवा और जम्मू समेत कई गंतव्यों के लिए सीधी उड़ानें संचालित कर रही है। इन सेवाओं के शुरू होने से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद है और गाजियाबाद, नोएडा, पूर्वी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के यात्रियों को एक सुविधाजनक विकल्प मिलेगा।
DIAL ने क्या आपत्ति जताई
GMR एयरपोर्ट्स के स्वामित्व वाली DIAL ने दिल्ली हाई कोर्ट (New Delhi) में दलील दी कि हिंडन से कमर्शियल उड़ानों की अनुमति देना भारतीय विमानन नियमों के खिलाफ है। मौजूदा नियमों के अनुसार किसी मौजूदा हवाई अड्डे के 150 किलोमीटर के दायरे में नया हवाई अड्डा तभी स्थापित किया जा सकता है जब इसकी जरूरत का उचित औचित्य हो। DIAL का कहना है कि हिंडन से वाणिज्यिक उड़ानों की अनुमति देना IGIA की वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है खासकर तब जब यह हवाई अड्डा पहले से ही बढ़ती लागत से जूझ रहा है।
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DIAL के अनुसार IGIA ने 2024 में 73.6 मिलियन यात्रियों को संभाला था लेकिन बढ़ी हुई सरकारी शुल्कों के कारण 21 मिलियन डॉलर का घाटा उठाना पड़ा। DIAL की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कोर्ट में दलील दी कि केंद्र सरकार तब ही नया हवाई अड्डा खोलने की अनुमति दे सकती है जब मौजूदा हवाई अड्डा अपनी यात्री क्षमता की सीमा तक पहुंच चुका हो एयरलाइनों के लिए कोई नया स्लॉट उपलब्ध न हो और नया हवाई अड्डा मौजूदा हवाई अड्डे को वित्तीय नुकसान न पहुंचाए।
केंद्र सरकार ने किया याचिका का विरोध
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार (New Delhi) की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राघवेंद्र शंकर ने याचिका का विरोध किया। सरकार की ओर से दलील दी गई कि हिंडन एयरपोर्ट से उड़ानें पहले ही शुरू हो चुकी हैं और यात्रियों ने टिकट बुकिंग भी कर ली है। ऐसे में किसी भी अंतरिम आदेश से आम जनता को नुकसान हो सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया लेकिन फिलहाल किसी भी प्रकार का अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।