New Delhi: आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराने वाले बीजेपी नेता परवेश वर्मा (Parvesh Verma) को दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण के ठीक बाद परवेश वर्मा ने मंत्री पद की शपथ ली।
परवेश वर्मा का राजनीतिक सफर
परवेश वर्मा जाट समुदाय से आते हैं और दिल्ली बीजेपी के बड़े चेहरे माने जाते हैं। उनके पिता डॉ. साहिब सिंह वर्मा भी दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। परवेश वर्मा ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल को 4,089 वोटों के अंतर से हराया। इससे पहले वह 2013-2014 में महरौली विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। परवेश वर्मा का अब तक का चुनावी रिकॉर्ड बेदाग रहा है।
उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में कभी कोई चुनाव नहीं हारा। पहली बार विधायक बनने के बाद उन्हें एक साल के भीतर ही लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया गया। 2014 में उन्होंने बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव जीता और 2019 में भी दोबारा सांसद चुने गए। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला क्योंकि पार्टी ने पहले से ही दिल्ली में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने का फैसला कर लिया था।
कम उम्र से ही राजनीति में हैं सक्रिय
परवेश वर्मा बहुत कम उम्र से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। वह 1991 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बाल स्वयंसेवक के रूप में जुड़े थे और बाद में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा में शामिल हुए। उन्होंने दिल्ली प्रदेश बीजेपी के महासचिव के रूप में भी कार्य किया है। नई दिल्ली विधानसभा सीट से नामांकन भरते समय परवेश वर्मा ने जो हलफनामा दाखिल किया था उसके अनुसार उनके पास 90 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसमें 77.89 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 12.19 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है। उनके पास तीन कारें हैं…टोयोटा फॉर्च्यूनर, इनोवा और महिंद्रा XUV।
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विवादों से हैं पूराना नाता
परवेश वर्मा (Parvesh Verma) कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कई विवादास्पद बयान दिए थे। उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो सरकारी जमीन पर बनी मस्जिदों को हटा दिया जाएगा और शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को एक घंटे के भीतर हटा दिया जाएगा।
एक रैली में उन्होंने मुस्लिम समुदाय की ओर इशारा करते हुए कहा था कि “ये लोग घर में घुसकर आपकी बेटियों के साथ रेप करेंगे।” उनके इन बयानों को लेकर काफी विवाद हुआ था और उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पेश होना पड़ा था। परवेश वर्मा कई बार मुस्लिम समुदाय के पूर्ण बहिष्कार की बात भी कर चुके हैं जिससे उनकी छवि एक कट्टर हिंदू नेता के रूप में बन गई है।
नई जिम्मेदारी और चुनौतियां
कैबिनेट मंत्री बनने के बाद परवेश वर्मा पर अब दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की जिम्मेदारी होगी। अपने अब तक के राजनीतिक करियर में उन्होंने आक्रामक और मुखर नेता की छवि बनाई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीतने के बाद वह किस तरह से अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं और दिल्ली के विकास में क्या योगदान देते हैं।