New Delhi railway station stampede नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। हादसे के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वहां प्रशासन मौजूद नहीं था और हालात बेकाबू हो गए थे। प्रत्यक्षदर्शी हीरालाल महतो ने कहा, ‘भगदड़ तब मची, जब घोषणा हुई कि प्लेटफॉर्म नंबर 12 पर आने वाली ट्रेन अब प्लेटफॉर्म 16 पर आएगी।’इस घोषणा के बाद दोनों तरफ से लोग पुल पर चढ़ने लगे और हालात बिगड़ने लगे।
पुल के ऊपर ही घायल हो गए लोग
कुछ लोगों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन प्रशासन करीब एक घंटे बाद पहुंचा। हादसे के बाद रेलवे स्टेशन पर सफाई कर दी गई, लेकिन जब भगदड़ मची, तब भीड़ को संभालने वाला कोई नहीं था।
दूसरे प्रत्यक्षदर्शी रवि का बयान
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी रवि ने बताया, “मैं वहीं मौजूद था। भगदड़ करीब साढ़े नौ बजे मची।”जब प्लेटफॉर्म नंबर 13 पर खड़े लोग प्लेटफॉर्म 14 और 15 पर खड़ी ट्रेनों को देखने लगे, तो वे भागकर उधर पहुंचने लगे। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि किसी को रुकने का मौका नहीं मिला। उनका कहना है कि प्लेटफॉर्म बदला नहीं गया था, लेकिन अफवाहों के कारण भीड़ अनियंत्रित हो गई।
अपनों को खोने वालों की तकलीफ
हादसे में कई लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया। एक यात्री ने कहा, “मेरी देवरानी की मौत हो गई और मेरा देवर घायल है।” लोग अपनों को ढूंढने के लिए अस्पतालों और रेलवे स्टेशन पर भटक रहे थे।कुछ घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।
प्रशासन की बड़ी चूक
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि प्रशासन ने हालात संभालने में देरी की। रेलवे स्टेशन जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। अगर प्रशासन समय पर पहुंचता, तो शायद कुछ जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।
भीड़ को कंट्रोल करने के लिए रेलवे को बेहतर इंतजाम करने की जरूरत है।