Delhi Election 2025: अमानतुल्लाह ख़ान बोले मुस्लिम इलाकों में वोटिंग को धीमा किया गया है दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने दिल्ली पुलिस पर वोटिंग की रफ्तार को धीमा करने का आरोप लगाया है। अमानतुल्लाह ख़ान का कहना है कि चुनाव में धांधली की जा रही है और जान बूझकर मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटिंग की प्रक्रिया को धीमा किया जा रहा है। उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, हर जगह बैरिकेड लगे हैं, लाइनें बहुत लंबी हैं। शुरू में बहुत सारे लोग वोट डालने आए, लेकिन वे लंबी लाइन देखकर वापस लौट गए।
बीजेपी पर लगाया साजिश का आरोप
अमानतुल्लाह ख़ान ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, यह अमित शाह की सीधी दादागिरी है। वोटिंग जितनी कम होगी, बीजेपी को उतना ही फायदा मिलेगा। ओखला विधानसभा सीट मुस्लिम बहुल मानी जाती है। यहां पर 50 प्रतिशत से ज्यादा वोटर मुस्लिम हैं, जो किसी भी पार्टी की हार-जीत तय कर सकते हैं। बीते दो चुनावों में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला रहा है, लेकिन इस बार मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है, क्योंकि मैदान में एक और पार्टी उतर चुकी है।
एआईएमआईएम और कांग्रेस भी मैदान में
इस बार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भी ओखला से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी और जेल में बंद शिफ़ा-उर-रहमान को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने यहां से एक युवा महिला उम्मीदवार अरीबा ख़ान को टिकट दिया है। कांग्रेस को उम्मीद है कि मुस्लिम मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा उनकी तरफ भी आएगा।
मुख्य उम्मीदवारों की लड़ाई
आम आदमी पार्टी (AAP) अमानतुल्लाह ख़ान
भारतीय जनता पार्टी (BJP) मनीष चौधरी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) शिफ़ा-उर-रहमान
कांग्रेस (Congress) अरीबा ख़ान
क्या कह रहे हैं लोग
चुनाव के दौरान कई मतदाताओं ने भी लंबी कतारों और धीमी वोटिंग की शिकायत की। लोगों का कहना है कि इस बार मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के नाम पर बहुत ज्यादा चेकिंग की जा रही है, जिससे वोट डालने में काफी समय लग रहा है।
कौन मारेगा बाज़ी
ओखला की जनता अब तय करेगी कि इस बार विधायक की कुर्सी किसे मिलेगी। आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह ख़ान मजबूत स्थिति में दिख रहे हैं, लेकिन AIMIM और कांग्रेस के आने से समीकरण बदल सकते हैं।