Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
JNU मे एक बार फिर बवाल, जानिये क्यों हैं सुर्खियों में JNU की कुलपति

JNU मे एक बार फिर बवाल, जानिये क्यों हैं सुर्खियों में JNU की कुलपति शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित

दिल्ली: विवादों में रहने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविघालय (JNU) में एक बार फिर वबाल खडा हो गया है। इस बार जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी कुलपति शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित विवादों के घेरे में हैं। शांतिश्री धुलीपुड़ी नें एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को समान अधिकार देने के लिए देश मे यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाना चाहिए।
शांति श्री ने डॉ.भीमराव अंबेडकर का उदाहरण देते हुए कहा कि अंबेडकर देश में समान नागरिक संहिता लागू करना चाहते थे। शांतिश्री धुलीपुड़ी ने कहा गोवा में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है। जो गोवा में शासन कर रहे पुर्तगालियों ने लागू की थी। गोवा में हिंदू, ईसाई और बौद्ध सभी ने इसे स्वीकार किया है, तो पूरे देश में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है।
कुलपति ने कहा कि ‘जब तक हमारे पास सामाजिक लोकतंत्र नहीं है, तब तक राजनीतिक लोकतंत्र एक मृगतृष्णा है। ऐसा नहीं हो सकता कि अल्पसंख्यकों को सभी अधिकार दे दिए जाएं और बहुसंख्यकों को वो सभी अधिकार न मिलें। कभी न कभी आपको ये इतना उल्टा पड़ जाएगा कि आप उसे संभाल नहीं पाएंगे। उन्होंने अपने संबोघन में यह भी कहा कि देश में जेंडर जस्टिस के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना जरूरी है।
JNU वीसी शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित के इस बयान ने देश में फिर से समान नागरिक संहिता पर बहस शुरू कर दी है। देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की बात दशकों से चली आ रही है अगर समान नागरिक संहिता लागू हो जाती है तो इससे सभी धर्मों के सभी लोगों पर एक समान कानून लागू हो जाएंगे। वर्तमान में शादी, तलाक, प्रॉपर्टी जैसे कानून अलग-अलग धर्मों में अलग-अलग है।
कुलगुरु कहा जाएगा कुलपति को
संबोधित करते हुए उन्होंने ये भी कहा कि जल्द ही यूनिवर्सिटी में ‘कुलपति’ को ‘कुलगुरु’ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ’14 सितंबर को एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक है, जिसमें कुलपति शब्द को बदलकर कुलगुरु रखने का प्रस्ताव रखूंगी। जब मैं यूनिवर्सिटी आई थी, तो हर जगह ‘He’ शब्द का इस्तेमाल हो रहा था, मैंने उसे ‘She’ किया। अब सभी दस्तावेजों में She का इस्तेमाल किया जाता है।’

Exit mobile version